Rajarajeshwar Temple Myth Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chauhan: मध्य प्रदेश में अशोक नगर जिला मुख्यालय को लेकर एक मिथक आज भी कायम है कि इस शहर में जो भी वर्तमान मुख्यमंत्री आता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। यह मिथक कई दशकों बाद आज भी कायम है। दरअसल, इसका एक कारण राजराजेश्वर है।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में जाता है, अगली बार उसकी मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाती है। यह वजह है कि शिवराज सिंह चौहान इस मंदिर में नहीं जा रहे हैं। यह मिथक इसलिए भी कायम है, क्योंकि यहां आने के चलते कई तत्कालीन सीएम अपनी कुर्सी गंवा भी चुके हैं। दरअसल, नोएडा को लेकर इस तरह का मिथक था कि जो भी वर्तमान सीएम यहां पर आता है उसकी कुर्सी चली जाती है, लेकिन सीएम योगी ने बार-बार आकर यह मिथक तोड़ दिया है।
18 साल से अशोक नगर मुख्यालय नहीं आए सीएम
गौरतलब है कि अशोकनगर के शहरी इलाके में ही अशोकनगर मुख्यालय आता है। यहां पर जो भी सीएम आता है, अगली बार उसकी कुर्सी चली जाती है। शायद यही वजह है कि मध्य प्रदेश में करीब 18 साल से मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान यहां नहीं गए हैं।
कई नेताओं ने गंवाया सीएम का पद
इस मिथक की शुरुआत वर्ष 1975 से हुई है। इस वर्ष यानी 1975 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी अशोक नगर में एक अधिवेशन में भाग लेने आए थे। इसके बाद अजब संयोग बना कि कुछ दिनों के बाद ही उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी।
दो वर्ष बाद 1977 में भी तत्कालीन सीएम श्याम चरण शुक्ला अशोकनगर में तुलसी सरोवर के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए। ठीक दो वर्ष बाद उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी क्योंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया।
यही हाल 1985 में अर्जुन सिंह का हुआ। वह बतौर सीएम अशोकनगर के दौरे पर आए इसके कुछ दिन बाद ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी। उन्हें पंजाब का गवर्नर बना दिया गया। 1988 में वर्तमान सीएम मोतीलाल वोरा को भी अशोकनगर का दौरा करना महंगा पड़ गया। उन्हें अपनी सत्ता गंवानी पड़ी। मोती लाल वोरा तब शहर में रेलवे फुटओवर ब्रिज का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।
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