मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार इस समय राज्य के कुछ सरकारी नियमों को बदलने का काम कर रही है। हाल ही में खबर आई थी कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य के विभाग में कर्मचारियों के भर्ती नियम को बदलकर एक समान करने वाली है। राज्य के सरकारी कर्मचारियों की सुध लेने के बाद अब सरकार राज्य के पेंशनरों के हित को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव करने वाली है। पेंशन नियम में संशोधन के काम की जिम्मेदारी वित्त विभाग निभा रहा है। फिलहाल, वित्त विभाग की तरफ से पेंशन नियम में संशोधन को आखिरी रूप दिया जा रहा है।
पेंशन के पात्र रहेगा ये परिवार
संशोधित पेंशन नियम के अनुसार, अब आश्रित अविवाहित बेटी के 25 साल से ज्यादा उम्र होने पर भी परिवार पेंशन के पात्र रहेगा। इसमें पति द्वारा त्यागी गई महिला और विधवाओं को भी शामिल किया जाएगा। वित्त विभाग द्वारा पेंशन के नए नियम का ड्राफ्ट जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि जून-जुलाई में संशोधित पेंशन नियम लागू किए जा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में लागू होगी ये व्यवस्था
बता दें कि भारत सरकार की तरफ से 28 अप्रैल 2011 को केंद्र कर्मचारियों के पेंशन नियमों में संशोधन किया गया था। जिसमें उन्होंने 25 साल से अधिक उम्र की अविवाहित बेटी, विधवा, परित्यक्ता बेटी को पेंशन देने की पात्रता दी थी। भारत सरकार के इन प्रावधानों को प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू करने की काफी समय से मांग की जा रही थी। अब मध्य प्रदेश में पेंशन को लेकर यह व्यवस्था लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति बनी है।
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इस नियम के तहत अविवाहित बेटी की आयु 25 साल से अधिक होने के बाद भी जब तक उसकी शादी नहीं होती, तब तक परिवार पेंशन मिलती रहेगी। वहीं, विधवा और परित्यक्ता बेटी के मामलों में आजीवन पेंशन का प्रावधान रखा गया है।
पूरी हुई कर्मचारी आयोग की अनुशंसा
इस पर कर्मचारी आयोग अनुशंसा कर चुका है। रिटायर IAS अफसर जीपी सिंघल की अध्यक्षता वाले कर्मचारी आयोग ने भी अविवाहित बेटियों की परिवार पेंशन की पात्रता आयु बढ़ोतरी के साथ विधवा और परित्यक्ता बेटी को शामिल करने के प्रावधान की अनुशंसा कर चुका है। यह रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंपी जा चुकी है।