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‘महिला सशक्तिकरण का रोल मॉडल बना मध्य प्रदेश’, सीएम मोहन यादव का बड़ा दावा

CM Mohan Yadav News: मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके अलावा महिलाओं के हित में राज्य सरकार ने कई जरूरी फैसले लिए हैं।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Oct 7, 2024 20:48
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cm mohan yadav news
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CM Mohan Yadav News: एमपी की मोहन यादव सरकार लगातार विकास कार्यों को करने में जुटी है। इसी के तहत प्रदेश में महिलाओं के आत्मनिर्भर, सशक्तिकरण को लेकर भी कई राज्य सरकार कई अहम फैसले ले रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि महिलाओं और बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।

महिला के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में अनेक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कर उन्हें आत्म-निर्भर बनाया गया है। महिला सशक्तिकरण का “मध्यप्रदेश मॉडल” देश में अनूठा है, जिससे प्रेरित होकर अन्य राज्यों ने भी मध्यप्रदेश की महिला कल्याण की योजनाओं का अनुसरण कर अपने राज्यों में लागू किया है।

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मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि बात चाहे प्रधानमंत्री आवास के माध्यम से हर परिवार को पक्की छत देने की हो, या घर-घर शौचालय बनाकर खुले में शौच से मुक्ति दिलाने की। नल-जल योजना से घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना हो या उज्ज्वला योजना से रसोई को धुंआ मुक्त बनाने का संकल्प हो।

इन सभी योजनाओं का प्रदेश में बेहतर संचालन और बेहतर तरीके से अमल हुआ है। इसके अलावा महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक सहयोग प्रदान कर उन्हें स्व-रोजगार से न केवल जोड़ा है, बल्कि उन्हें लखपति दीदी भी बनाया है। आज समूह की महिलाएं के द्वारा निर्मित उत्पाद बाजारों में बिक रहे हैं। साथ ही उनका विक्रय ऑनलाइन मॉर्केटिंग से भी किया जा रहा है।

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महिला और बाल विकास विभाग का बजट बढ़ा

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के हर संकल्प को पूर्ण करने शिद्दत से कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में महिला एवं बाल विकास विभाग का बजट 81 % बढ़ाते हुए 26 हजार 560 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

इसमें लाड़ली बहना योजना के लिए 18 हजार 984 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की एक करोड़ 25 लाख से अधिक लाड़ली बहनें इस योजना से लाभान्वित हो रही है। राज्य सरकार उनके मान-सम्मान और स्वाभिमान को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

महिलाओं के हित में जरूरी फैसले

  • राज्य सरकार ने महिलाओं के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए उनके नाम जमीन, दुकान और घर की रजिस्ट्री कराने पर स्टाम्प शुल्क पर अतिरिक्त छूट दी है। इससे बहनों के पास संपत्ति की शक्ति आई है और समाज में उनका मान बढ़ा है।
  • सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना अंतर्गत 19 लाख से अधिक बालिकाओं के बैंक खाते में 57 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि का अंतरण किया गया है।
  • मध्यप्रदेश में महिलाओं को निकाय चुनाव एवं शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत, पुलिस भर्ती में 33 प्रतिशत और अन्य भर्तियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
  • स्टार्ट-अप नीति में भी महिलाओं के लिये विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया, जिसके फलस्वरूप प्रदेश के कुल स्टार्ट-अप्स में से 47 % की मालकिन महिलाएं हैं।
  • महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई।
  • मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को मृत्यु दंड देने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश है।
  • मध्यप्रदेश में महिलाओं से जोर-जबरदस्ती से या बहला-फुसला कर विवाह और धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू किया गया।
  • बेटियों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिये लाड़ली लक्ष्मी योजना का सफल क्रियान्वयन जारी है।
  • प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना में अब तक 42 लाख महिला हितग्राही रजिस्टर्ड हो चुकी हैं। योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नगद प्रोत्साहन प्रदान करना और द्वितीय प्रसव पर बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना है।
  • हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए महिला हेल्पलाइन 181 और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 संचालित है।
  • संकटग्रस्त महिलाओं की सहायता के लिये प्रत्येक जिले में वन-स्टॉप सेंटर संचालित हैं।
  • बालिकाओं में आत्म-विश्वास और कौशल वृद्धि के लिये सशक्त वाहिनी कार्यक्रम अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया। अब तक 128 बालिकाओं का पुलिस/ शासकीय विभागों में चयन हो चुका है।
  • प्रदेश में 97 हजार से अधिक संचालित आंगनवाड़ियों में 81 लाख बच्चे और गर्भवती/धात्री माताएँ एवं किशोरी बालिकाऍ लाभान्वित हो रही हैं। आंगनवाड़ियों में ऑनलाइन उपस्थिति और आंगनवाड़ी एसेट्स डायरी सुविधा प्रारंभ की गई है।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं के साथ सहभागिता करने वाली महिला खिलाडियों को नगद राशि देकर प्रोत्साहित किया गया।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Oct 07, 2024 08:16 PM

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