Madhya Pradesh is Now Tiger State: मध्य प्रदेश के लिए आज बहुत बड़ा दिन है, ऐसा इसलिए है क्योंकि आज इंटरनेशनल टाइगर डे पर मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ का खिताब हासिल हुआ है। मध्य प्रदेश में बाघों की सबसे अधिक संख्या है। जहां पूरे देश में कुल 3682 बाघ है। मध्य प्रदेश में बाघों की आबादी 526 से बढ़कर 785 पहुंच गई है। जिस पर राज्य के लोगों को काफी गर्व है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व के बाहर भी बाघों की संख्या बढ़ रही है, जो बहुत ही खुशी की बात है।
रंग लाई वन विभाग की कोशिशें
प्रदेश के वन विभाग के लगातार कोशिशो और स्थानीय लोगों के सहयोग से प्रदेश के जंगलों में बाघों को सुरक्षित रखा जा पा रहा है। बता दें कि हर 4 साल पर एक बार बाघों की गणना होती है। साल 2006 से बाघों की संख्या का आंकड़ा देखें तो साल 2010 में बाघों की संख्या 257 तक हो गई थी। इसे बढ़ाने के लिए बाघों के हाई लेवल प्रोटेक्शन और लगातार कोशिशों की जरुरत रही है। मध्य प्रदेश को बाघ प्रदेश बनाने की कड़ी मेहनत शुरु हुई।
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16 रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड
इंसानों और वन्यप्राणी संघर्ष के इफेक्टेड मेजेंमेंट के लिए 16 रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड बनाया है। उसके अलावा हर जिले में जिला स्तरीय रेस्क्यू स्क्वाड बनाए गए है। वन्यप्राणी अपराधों की जांच के लिए वन्यप्राणी अपराध की खोज में विशेषज्ञ 16 श्वान दलों का गठन किया गया। अनाथ बाघ शावकों की रिवाल्विंग की गई है। विभिन्न प्रजातियां विशेष रूप से चीतल, गौर और बारहसिंगा का उन स्थानों पर पुनर्स्थापना किया गया, जहां वे संख्या में कम थे या स्थानीय तौर पर विलुप्त जैसे हो गए थे। राज्य स्तरीय स्ट्राइक फोर्स ने पिछले आठ वर्षों में वन्यप्राणी अपराध करने वाले 550 अपराधियों को 14 राज्यों से गिरफ्तार किया गया। इसमें से तीन विदेशी थे।