MP Congress Candidate Akshay Kanti Bam Fraud Case: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर समय के साथ राजनीति और भी गर्म हो गई है। राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और प्रत्याशियों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। हाल ही में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम पर कॉलेज की आड़ में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, हिंदू राष्ट्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शिरोडकर ने तो अक्षय कांति बम के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई है।
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 अन्तर्गत MOG लाइन में भूतपूर्व सैनिकों के मकानों को तोड़ने गए प्रशानिक अमले और कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याक्षी डॉ. अक्षय कांति बम जी के बीच जबरदस्त नोक झोंके।#ModiDisasterForIndia@CMMadhyaPradesh@KailashOnline@AkshayKantiBam pic.twitter.com/EiC9JTYY7f
---विज्ञापन---— Ashish Vaishnav (@ab2indore) April 8, 2024
कॉलेज के नाम पर फर्जीवाड़ा
हिंदू राष्ट्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शिरोडकर ने शिकायत करते हुए बताया कि अक्षय कांति बम ने अपने कॉलेज इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की आड़ में बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि अक्षय कांति बम ने अपने लॉ कॉलेज के मृत और काम छोड़कर जा चुके फैकल्टीज और प्रोफेसर के नाम के वेतन, टैक्स से जुड़े फर्जीवाड़े और आर्थिक अनियमितता को अंजाम दिया है।
फर्जी तरीके से हासिल किया NAAC ग्रेड
शिरोडकर ने आरोप लगाया कि अक्षय बम ने फर्जीवाड़े के जरिए ही अपने कॉलेज की NAAC ग्रेड को ‘ए’ प्लस (A+) और ऑटोनॉमस मान्यता हासिल की है। शिरोडकर ने आगे कहा कि अक्षय बम ने अपने कॉलेज की वेबसाइट में रश्मि शुक्ला को 2024 में भी कॉलेज का प्रोफेसर दर्शाया हुआ है, जबकि रश्मि ने साल 2022 में ही खुदकुशी कर ली थी। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए मिनिमम क्वालीफिकेशन LLM होने के बावजूद भी जयदेव को असिस्टेंट प्रोफेसर बताया हुआ है। ठीक इसी तरह से ठाकुर नेपालसिंह सोलंकी, सौरभ कुमार, दिनेश अशोक, नवीन दवे, को भी फर्जी तरह से नियमित फैकल्टी बताया गया है। जबकि ये लोग पहले ही बम के कॉलेज से नौकरी छोड़ चुके हैं।
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कॉजेल की मान्यता रद्द करने की मांग
शिरोडकर ने कई लोगों के नाम लेते हुए कहा कि इसके अलावा डॉक्टर योगिता मेनन, डॉक्टर देवेंद्र देशमुख, डॉक्टर कविता दिवे, अमरेश पटेल, आशीष कुमार सोनी, डॉक्टर नेहा चौहान, विशाल पुराणिक, सुगना मिथरवाल जैसे कई लोग इस समय अलग-अलग संस्थाओं में काम कर रहे हैं। इसके बाद भी अक्षय कांति बम ने इन लोगों को अपने कॉलेज की वेबसाइट पर बतौर प्रोफेसर दर्शाया हुआ है। यहीं नहीं, उनके नाम पर वेतन भी निकाला जा रहा है। हिंदू राष्ट्र संगठन की कार्यकर्ता और लॉ स्टूडेंट पूजा कुशवाह ने मांग की है कि इंदौर इंस्टीट्यूट आफ लॉ की मान्यता रद्द की जाए। साथ ही अक्षय बम के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जाए।