MP News: विपिन श्रीवास्तव। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की ओर से हैहयवंशी क्षत्रिय समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्त्र बाहू महाराज पर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान से हैहयवंश समाज ने गुस्सा जाहिर करते हुए सीहोर के थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज की है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी शिकायत दर्ज कराई गई है।
हैहयवंशी क्षत्रिय समाज नाराज
सीहोर में हैहयवंशी क्षत्रिय समाज संघठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनरायण ताम्रकार ने बताया की ‘श्री राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन हमारे आराध्य हैं हम उनकी संतान हैं हमारे आराध्य सुदर्शन चक्र के अवतार हैं, उन्होंने भगवान श्री राम के पहले रावण को पराजित किया। उनको जाने बिना यदि कोई उन्हें अतिचारी बलात्कारी कहे तो वे निंदनीय हैं। कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने पर भगवान श्री राजराजेश्वर को लेकर अनर्गल मिथ्या अपमानजंक शब्दों का उल्लेख किया। उनकी इस टिप्पणी को लेकर थाने में आवेदन दिया गया है, वह अपने शब्द वापिस ले माफी मांगे अन्यथा पूरे देश में उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।
यह है पूरा मामला
दरअसल, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी कथा में कहा कि ये क्षत्रिय अचानक से प्रकट कहां से हो जाते थे, इस पर थोड़ी सी चर्चा करते हैं। सहस्त्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश। हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया। हैहय वंश का राजा बड़ा ही कुकर्मी, साधुओं पर अत्याचार करने वाला, स्त्रियों पर बलात करने वाले थे। ऐसे आतताइयों के खिलाफ भगवान परशुराम ने फरसा उठाया।’
‘साधु का काम ही है कि दुष्टों को ठिकाने लगाते रहना। इसलिए उन्होंने हैहयवंश के राजाओं को मारना प्रारंभ किया। लेकिन आपने शास्त्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए कभी भी न तो स्त्रियों पर अपना परसा उठाया, न ही बालक-बालिकाओं पर अपना परसा उठाया। उन्होंने आताताई राजाओं को मार दिया। पर उनके बच्चों को हाथ नहीं लगाया।’
‘जब वह बच्चे युवा हुए और उन्होंने भी अत्याचार प्रारंभ किया और उन्होंने भी अपने पिता का बदला लेने के लिए भगवान परशुराम पर आक्रमण किया तो फिर भगवान परशुराम ने उन आताताइयों का वध किया, फिर उनकी संतान हुई फिर उनका वध किया। ऐसे क्रम में 21 बार पृथ्वी को उन क्षत्रियों से विहीन किया, जो बड़े ही दुष्ट प्रवृत्ति के और निर्मम थे। इससे सिद्ध होता है भगवान परशुराम क्षत्रियों के विरोधी नहीं थे।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ‘भगवान परशुराम तो पापचारी, अत्याचारी के विरोधी थे। ऐसे आताताई का वध करना अधर्म नहीं है। इसलिए भगवान परशुराम सभी समाज के लिए पूजनीय है। उनका फरसा केवल ब्राह्मणों के लिए नहीं उठाया, उनका फरसा समस्त चराचर रहने वाले जीवों के कल्याण लिए उठा था। इसलिए भगवान परशुराम केवल एक विशेष जाति समुदाय तक सीमित नहीं है, भगवान परशुराम सभी के लिए है और उनकी जो कर्मयोद्धा की नीति है। उस कर्मयोद्धा की नीति को हम सभी को स्वीकार करना चाहिए।’
रायपुर में भी शिकायत दर्ज
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री द्वारा हैहयवंश के आराध्य कुलदेव भगवान सहस्रबाहु महाराज पर की गई टिप्पणी के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के निर्वाचित प्रदेश सचिव अभिषेक कसार ने कोतवाली थाना रायपुर में लिखित शिकायत दर्ज कर और कार्यवाई की मांग की है।
शिकायत करते हुए अभिषेक कसार ने कहा कि वायरल वीडियो में हैवंशीय क्षत्रिय कसार समाज के हमारे कुलदेव सहस्त्रबाहु महाराज हमारे इष्ट छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में निवासरत कसार, ताम्रकार समाज की भावनाएं आहत हुई है, सोशल मीडिया में वीडियो प्रसारित कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर FIR दर्ज करने की मांग करते हुए कोतवाली थाना क्षेत्र में ज्ञापन सौंपा।