CM Mohan Yadav on NFHS-5 Report: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश के लिए लगातार काम कर रहे है। ये राज्य सरकार का लगातार काम ही है जो मध्य प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग में पिछले 20 सालों में राज्य को सफलता मिल रही है। हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 (NFHS-5) 2019-21 की रिपोर्ट जारी की गई हैं। इन आड़कों की तुलना NFHS-3 की 2005-06 की रिपोर्ट से की गई है। इस तुलनात्मक विश्लेषण से यह साफ हो गया कि राज्य में बच्चों में कुपोषण के मामलों में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि कुपोषण के खिलाफ युद्ध में मध्य प्रदेश मिशन मोड पर एक्टिव है।
➡️ @CMMadhyaPradesh डॉ. मोहन यादव कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल से ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ एवं जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के संचालन का शुभारंभ कर रहे हैं@PMOIndia@DrMohanYadav51#CMMadhyaPradesh #SwachhataHiSeva2024 #SwabhavSwachhata pic.twitter.com/XxvPLpxCnc
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कुपोषण के खिलाफ जंग जारी
सीएम मोहन यादन ने बताया कि कुपोषण के खिलाफ राज्य में मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के सफल इम्प्लिमेंटेशन के फलस्वरूप ही मध्य प्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों को गिरा गया है। राज्य में कुपोषण का लेवल लगातार गिरते ही जा रहा है। मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्य है जहां कुपोषण के मामले लगातार गिरे हैं।
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट
सीएम मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में कम वजन वाले बच्चों के नंबर में 45 फीसदी, गंभीर दुबलापन में 48.7 फीसदी, ठिगनापन में 28.7 फीसदी और दुबलापन के आंकड़ों में 45.9 फीसदी कमी दर्ज की गई है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए लगातार मिशन मोड पर काम कर रही है। यह उपलब्धि कुपोषण के खिलाफ मध्य प्रदेश की जीत का शंखनाद है।