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PM Kusum Yojana से बंजर जमीन से भी होगी डबल कमाई, CM मोहन यादव ने बताया योजना का लाभ

Prime Minister Kusum Scheme: पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को सोलर पंप लगवाने की सुविधा प्रदान करती है ताकि वह खेती के अलावा खर्चों को कम कर ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकें।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Oct 18, 2024 11:57
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PM Kusum Yojana
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Prime Minister Kusum Scheme: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान (PM Kusum Scheme) से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि “पीएम कुसुम” किसान हितैषी योजना है।

इसमें किसान खुद की अनुपयोगी और बंजर कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रेगुलर इनकम प्राप्त कर सकेंगे। योजना में शामिल किसानों द्वारा उत्पादित विद्युत को राज्य शासन द्वारा 3.25 रूपये प्रति यूनिट की दर से क्रय की जाएगी।

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इसके साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बनाए गए कृषि फीडरों को सौर ऊर्जीकृत भी किया जाना है। कृषि फीडरों के सौर ऊर्जीकृत हो जाने से सरकार की मंशानुसार किसानों को रेगुलर रूप से 10 घंटे विद्युत की आपूर्ति की जाना संभव होगा। इसके साथ ही सरकार द्वारा सौर पंप और सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

योजना का लक्ष्य 

पीएम कुसुम योजना में किसानों को लाभांवित कर सिंचाई के लिए जरूरी बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही किसानों को आय का नवीन स्रोत भी उपलब्ध कराना है।

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न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी ऊर्जा विभाग द्वारा पीएम कुसुम योजना “A” में किसानों द्वारा खुद की अनुपयोगी और बंजर कृषि भूमि पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा सकेंगे।

वर्तमान में परियेाजना से उत्पादित विद्युत को शासन द्वारा 25 सालों के अनुबंध पर किसानों से 3 रूपये 25 पैसे प्रति यूनिट पर विद्युत क्रय की जाएगी। यह किसानों की रेगुलर कमाई का सोर्स होगा। इस स्कीम का लाभ आवंटन पोर्टल से वॉक इन पद्धति द्वारा मिलेगा।

पीएम कुसुम योजना “C” योजना का लक्ष्य कृषि फीडरों का सौर ऊर्जीकरण करना है। प्रदेश में सिंचाई के लिए पूरी बिजली आपूर्ति के लिए 8 हजार समर्पित कृषि फीडर स्थापित किए गए हैं, जिनका लगातार विस्तार प्रक्रियाधीन है। पीएम कुसुम “C” में सोलर प्लांट की स्थापना के लिए 1.5 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट केन्द्रीय सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है।

मध्य प्रदेश में इस योजना में 2000 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। योजना में प्रस्ताव देने वालों को निविदा से 500 मेगावाट क्षमता आवंटित भी की जा चुकी है। अभी भी 1500 मेगावाट की क्षमता की विद्युत उत्पादन का लाभ दिया जाना है।

योजना का लाभ लेने के लिए प्रति मेगावाट ऊर्जा उत्पादन के लिये 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होती है। परियोजना पर 4 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट की अनुमानित राशि व्यय होती है। इसमें 70% तक बैंक ऋण उपलब्ध हो सकता है। इस ऋण राशि में 2 करोड़ रूपये की राशि तक एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में प्रचलित ब्याज पर 3% की छूट का प्रावधान भी है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Oct 18, 2024 11:53 AM

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