Madhya Pradesh cabinet expansion: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के परिणामों को 5 दिन बीत चुके हैं, प्रदेश में कई चेहरों को लेकर सीएम पद के लिए मंथन किया जा रहा है। इस दौरान खबर आ रही है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ मंत्री मंडल को लेकर भी भारी माथापच्ची करनी होगी। मध्य प्रदेश के मंत्रीमंडल में अधिकतम 34 सदस्यों को जगह दी जा सकती है।
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मंत्रीमंडल विस्तार का मुद्दा उलझन भरा
ऐसे में भाजपा 38 ऐसे सीनियर मंत्री और विधायक हैं, जो कैबिनेट में शामिल होने के लिए सपने संजो रहे हैं। मंत्रीमंडल विस्तार का मुद्दा इसलिए भी उलझन भरा है क्योंकि इस बार दो पूर्व केंद्रीय मंत्री समेत पांच पूर्व सांसद भी चुनाव जीत कर प्रदेश की सरकार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। बता दें कि इन लोगों को कैबिनेट में जगह मिलना भी लगभग तय माना जा रहा है।
आंकड़े क्या कहते हैं ?
वहीं बीते सरकारों के आंकड़े उठाकर देखें तो प्रदेश में एक साथ सभी मंत्री पदों पर जिम्मेदारी नहीं दी गई। लिहाजा मुख्यमंत्री अपने अधिकार के तहत कम से कम आधा दर्जन पद रिजर्व रखते आए हैं। ऐसे में यदि वर्तमान मंत्रियों को छोड़ दिया जाए तो एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति प्रदेश में बनेगी। अंदरखाने की खबर यह भी है कि तीन बार के लगातार चुने गए विधायक भी कैबिनेट में आमद दर्ज कराने लॉबिंग कर रहे हैं।
कौन-कौन से नाम शामिल ?
38 वरिष्ठों की सूची में गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, बिसाहूलाल साहू, नागेंद्र सिंह नागौद, भूपेंद्र सिंह, गिरीश गौतम, गोविंद सिंह राजपूत, एंदल सिंह कंसाना, नारायण सिंह कुशवाहा, बृजेंद्र सिंह यादव, शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, मीना सिंह, संजय पाठक, अजय विश्नोई, सीताशरण शर्मा, सुरेंद्र पटवा, प्रभुराम चौधरी, विश्वास सारंग, करण सिंह वर्मा, विजय शाह, अर्चना चिटनिस, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, उषा ठाकुर, तुलसी सिलावट, मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, ओम प्रकाश सकलेचा, नागेंद्र सिंह गुढ़ का नाम शामिल हैं।
पार्टी ने क्या कहा ?
मामले पर बीजेपी का कहना है कि संगठन में कोई सीनियर नहीं होता। सभी कार्यकर्ता बतौर ही काम करते हैं, किन्हें क्या और कब जिम्मेदारी दी जानी है, यह संगठन तय करता है।