सौरभ कुमार/पटना
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच मध्य प्रदेश से एक ऐसी खबर आई है, जो देश की राजनीति को हिला देने के लिए काफी है। यहां इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव एलायंस (I.N.D.I.A.) खंड-खंड हो चुका है। कॉन्ग्रेस के सामने समाजवादी पार्टी की तरफ से कुछ उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए जा चुके हैं, वही अब एक जनता दल यूनाइटेड ने भी 5 कैंडीडेट्स का नाम घोषित कर दिया है। इस ऐलान के बाद पिछोर से चंद्रपाल यादव, राजनगर हलके से रामकुंवर (रानी) रैकवार, विजय राघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से शिवनारायण सोनी, थांदला सीट से तोल सिंह भूरिया से चुनाव लड़ेंगे, वहीं पेटलावद से पार्टी ने रामेश्वर सिंघार के नाम का ऐलान किया है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ देश के तमाम छोटे-बड़े राजनैतिक दलों ने मिलकर एक महागठबंधन बनाया था। इसका नाम इंडिया यानि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव एलायंस (I.N.D.I.A.) रखा गया। यह गठबंधन शुरू से ही विवादों में है। अब जबकि देश में विधानसभा चुनाव की तारीखें सिर पर आ चुकी हैं तो विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न राज्यों में पार्टियों की तरफ से अपने-अपने उम्मीदवार घोषित किए जा रहे हैं। यही तैयारी गठबंधन के लिए खतरा बन गई। शुरुआत मध्य प्रदेश से हुई है।
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दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब तक कांग्रेस के सामने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से मुश्किल थी, क्योंकि अखिलेश यादव ने कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। कुछ उम्मीदवार भी घोषित कर दिए थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी तो कांग्रेस को हर राज्य में परेशान कर ही रही है। कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाते हुए अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव में कदम बढ़ा दिए हैं। पार्टी ने अपने दम पर मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है और इसी के साथ पांच उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है।
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सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू की बातचीत कांग्रेस से चल रही थी, लेकिन सीटों का तालमेल नहीं हो पाया। ऐसे में पार्टी ने अपने बूते चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। अभी पहली सूची जारी की गई है, वहीं माना जा रहा है कि आगे और उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। जेडीयू कम से कम 15 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, ऐसा अनुमान है। इसी के साथ यह बात भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले मध्य प्रदेश में एक विधायक रखती समाजवादी पार्टी (SP) कांग्रेस के साथ तालमेल बिठाने में नाकाम रही। समाजवादी पार्टी की तरफ से वहां 6 सीटों की मांग की जा रही थी, लेकिन कांग्रेस ने शुरुआती बातचीत के बाद अखिलेश की पार्टी के लिए सीट छोड़ने से मना कर दिया। इसी बात से नाराज होकर अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सबक सिखा देने का ऐलान कर डाला।