अहिल्याबाई होलकर की आज 30 मई को 300वीं जन्म जयंती है। इस अवसर पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि इस महासम्मेलन के आयोजन का समूचा दायित्व मातृशक्ति संभाल रही हैं। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर जयंती समारोह को आगामी एक वर्ष तक आयोजित किए जाने का शुभारंभ आज इस अवसर पर मध्यप्रदेश की धरती से किया जा रहा है इसके लिये माननीय प्रधानमंत्री जी का ह्दय से धन्यवाद।
‘अहिल्याबाई ने नदियों पर घाट, धर्मशालाएं बनवाईं’
उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर ने परिपूर्ण सुशासन व्यवस्था, स्वावलंबी, आत्मनिर्भर समरस समाज, सुरक्षित समृद्ध राज्य का एक आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक लगभग 130 विखंडित मंदिरों का जीर्णोद्धार तथा पुनर्निर्माण किया। नदियों पर घाट, धर्मशालाएं बनवाईं, अन्न सत्र प्रारंभ किए और पूजा-पाठ की स्थाई व्यवस्था की। देशभर में सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा की और देश को एक सूत्र में पिरोया। उनका शासनकाल, स्वर्ण काल होने के साथ राष्ट्र के सांस्कृतिक अभ्युदय का समय रहा है।
मध्य प्रदेश सीएम ने आगे कहा कि महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तीकरण के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। एक तरफ उन्होंने महिलाओं की सैनिक टुकड़ी बनाकर सुरक्षा की चौकस व्यवस्था की। वहीं, दूसरी ओर महिलाओं के सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए क्रांतिकारी निर्णय लिये। उन्होंने महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, विधवा को दत्तक पुत्र लेने का अधिकार तथा विधवा पुनर्विवाह के अधिकार प्रदान किए और दहेज प्रथा पर रोक लगाने के नियम बनाए। सेना में बलिदान हुए सैनिकों की पत्नियों के लिए महेश्वर में महेश्वरी साड़ी उद्योग की स्थापना की और महिला समृद्धि का विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया। उनके राज्य में होलकर राज्य सुराज, स्वराज, सुशासन, सुव्यवस्था, संपन्नता, विकास और निर्माण का आदर्श रहा। उन्होंने महेश्वर को शिल्प, कला, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, उद्योग और व्यापार का केन्द्र बनाया और देशभर में विस्तारित किया।

अहियाबाई होलकर की 300वीं जयंती पर सीएम मोहन यादव
‘डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल’
सीएम ने यह भी कहा कि प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए हमने डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल की है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पर्यटन को बढ़ावा देने की अवधारणा को धरातल पर साकार करती है। आधुनिक विकास के साथ अपनी गौरवशाली विरासत का स्मरण और आदर्श महानायकों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने के उद्देश्य से हमने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की स्मृति में दो कैबिनेट बैठकें कीं। अहिल्याबाई होलकर ने महिला सशक्तिकरण को लेकर जो दिशा तय की थी, उसे आगे बढ़ाने का कार्य यशस्वी प्रधानमंत्री ने किया है।
मोहन यादव ने कहा कि हमने लोकमाता देवी अहिल्याबाई के सिद्धांतों, उनके आदर्श को राज्य की नीति और निर्माण में शामिल करते हुए महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी कदम बढ़ाए हैं। मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इससे महिलाओं को रोजगार, स्वरोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा के मजबूत अवसर प्राप्त हो रहे हैं। विशेषकर लाड़ली बहना योजना, देवी अहिल्याबाई होलकर मिशन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लाड़ली लक्ष्मी योजना से महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।

अहियाबाई होलकर की 300वीं जयंती पर सीएम मोहन यादव
महिलाओं के लिए जन्म से लेकर जीवनपर्यन्त योजनाएं
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए संतोष है कि मध्यप्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है जिसमें शासकीय सेवाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है। प्रदेश में लाडो अभियान, शौर्या दल, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। सैनिटेशन एवं हाइजीन योजना से प्रदेश की 19 लाख बालिकाओं को आर्थिक संबल दिया गया है। प्रदेश में 18 लाख से अधिक महिलाओं, विधवा, परित्यक्ता और केवल पुत्री वाली माताओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। प्रदेश में महिलाओं को जन्म से लेकर जीवनपर्यन्त विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सुरक्षा, सम्मान और संबल प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश की महिलायें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी होकर नवाचार के साथ अपनी नई विकास गाथा लिख रही हैं।