---विज्ञापन---

दिल्ली में शुरू हुआ एंटी डस्ट अभियान, 6 नवंबर तक चलेगा

अमित पांडेय,नई दिल्ली: दिल्ली में आज से शुरू हुआ एंटी डस्ट अभियान, आज से 6 नवंबर तक एंटी डस्ट अभियान चलाया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 एंटी डस्ट नियमों को लागू करना जरूरी है। दिल्ली में आज से 'एंटी डस्ट […]

Edited By : Amit Panday | Updated: Oct 7, 2022 11:43
Share :

अमित पांडेय,नई दिल्ली: दिल्ली में आज से शुरू हुआ एंटी डस्ट अभियान, आज से 6 नवंबर तक एंटी डस्ट अभियान चलाया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 एंटी डस्ट नियमों को लागू करना जरूरी है।

अभी पढ़ें – ज्ञानवापी विवाद को लेकर आज अहम दिन, कार्बन डेटिंग पर वाराणसी कोर्ट सुना सकती है फैसला

एंटी डस्ट अभियान के तहत 586 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं। कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 30 सितम्बर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है। जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे जमीन पर लागू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। हमने ग्रीन वॉर रूम लॉन्च किया है, जहां से इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

गोपाल राय ने बताया कि एंटी डस्ट कैंपेन के लिए 586 टीमों का गठन किया है। जिसमें 12 सम्बंधित विभागों की टीम शामिल है। इसमें डीपीसीसी की 33 टीम, राजस्व विभाग की 165 टीम, एमसीडी की 300 टीम डीएसआईआईडीसी की 20 टीम, दिल्ली जल बोर्ड की 14 टीम, डीडीए की 33 टीम, दिल्ली मेट्रो की 3 टीम, सीपीडब्लूडी की 6 टीम, पीडब्लूडी की 6 टीम, एनडीएमसी की 1 टीम, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की 4 टीम और एनएचएआई की 1 टीम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह टीम आज से लगातार निर्माण साइट्स का दौरा करेगी। यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन हो। निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू करना जरूरी है जिसके लिए एंटी डस्टअभियान आज से शुरू किया जा रहा है जो कि 6 नवंबर तक चलेगा।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जो भी साइट्स डस्ट कंट्रोल के नियम का पालन नहीं करेगा। उसपर कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम के उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा उल्लंघन मिलने पर उससे अधिक रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर ज्यादा उलंघन होगा तो कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जहां तक ग्रेप की बात है। दिल्ली में यह लागू है। 500 वर्ग मीटर और उस से ऊपर के सभी निर्माण/विध्वंस वाले प्रोजेक्ट सीएंडडी पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है। बिना पंजीकरण के कार्य करने की अनुमति नहीं मिलेगी। साथ ही साथ पीयूसी चेकिंग और वाटर स्प्रिंक्लिंग के अभियान की मॉनिटरिंग को तरीके से दिल्ली में लागू किया गया है। उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि कहीं भी अगर उनको निर्माण/विध्वंस कार्य में अनियमितता दिखे तो वे ग्रीन दिल्ली ऐप पर इसकी शिकायत करें।

अभी पढ़ें NCB Mumbai: नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई, जामनगर व मुंबई से 120 करोड़ की एमडी ड्रग जब्त

*कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण के तय किए गए नियम*

1. सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है।
2. धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साईट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन होनी चाहिए।
3. निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को त्रिपाल या नेट से ढकना जरूरी है।
4. निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी है।
5. निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना जरूरी है।
6. निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिन्हित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है।
7. किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखना है।
8. निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होनी चाहिए। साथ ही साथ ही वेट जेट का उपयोग पत्थर काटने में किया जाना चाहिए।
9. निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए।
10. बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट्स जाने वाली सड़क पक्की और ब्लैक टोप्पड होनी चाहिए
11. निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट का साइट पर ही रिसायकल किया जाना चाहिए या उसका चिन्हित साइट पर निस्तारण किया जाए और उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए।
12. निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्ट मास्क देना पड़ेगा।
13. निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी वर्कर के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी।
14. निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय के दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाना पड़ेगा

अभी पढ़ें प्रदेश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़े

HISTORY

Written By

Amit Panday

Edited By

Manish Shukla

First published on: Oct 06, 2022 08:05 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें