Hyderabad news: देश में महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले कम नहीं हो रहे हैं। हर रोज एक कई मामले सामने आते हैं। कई ऐसे भी होते हैं जो डर की वजह से बाहर नहीं आ पाते हैं। अब महिलाएं चलती बसों में भी सेफ नहीं हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात हो रही हैं। हाल ही में आंध्र प्रदेश जा रही एक महिला के साथ चलती बस में रेप किया गया। जानकारी के मुताबिक, महिला ने अपनी यात्रा के लिए बस में सीट बुक की थी लेकिन कंडक्टर ने उसकी सीट बदल दी थी।
पिछली सीट पर बैठाया
पीड़ित महिला ने 21 सितंबर को छोटूप्पल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। महिला ने अपनी शिकायत में बताया यात्रा के लिए पहले से ही टिकट बुक किया था। जैसे ही महिला बस में सवार हुई तब बस कंडक्टर ने बुक की गई सीट पर ना बैठाकर पीछे की तरफ बैठा दिया। महिला ने बताया कि कंडक्टर ने कहा था कि उसको इन सीट पर बैठने में दिक्कत होगी, जिसके बाद ही उसने अपनी सीट बदली थी।
ये भी पढ़ें: देश के इस राज्य में होते हैं सबसे ज्यादा रेप, NCRB के आंकड़े देख हो जाएंगे हैरान
धमकी देकर किया रेप
महिला ने बताया कि कंडक्टर ने पीछे वाली सीट पर बैठाने के बाद उसका मुंह बंद किया, और कथित तौर पर दुष्कर्म को अंजाम दिया। इस मामले में एक Zero FIR (अपराध कहीं हुआ हो, उसकी परवाह किए बिना किसी भी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराना) दर्ज की गई, इसके बाद ही आरोपी को हिरासत में ले लिया है। इस मामले को कुकटपल्ली पुलिस थाने में ट्रांसफर किया गया था।
बस में पहले भी हो चुके हैं रेप
दिल्ली में निर्भया कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 2012 में दिसंबर के महीने में चलती बस में 23 साल की लड़की का रेप किया गया। ये ऐसा मामला था जिसमें क्रूरता की सारी हदें पार की गई थीं। इस केस के बाद भी देश में लगातार बस में इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। हाल ही में उत्तराखंड में भी एक किशोरी के साथ बस में गैंगरेप किया गया था। पिछले महीने रायपुर में एक 50 साल की महिला के साथ बस में दुष्कर्म किया गया।
आपको बता दें कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ( (NCRB) ने आंकड़े जारी किए थे। उसमें बताया गया कि देश में सालभर में 4 लाख से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज किए जाते हैं। जिसमें किडनैपिंग, छेड़छाड़, ट्रैफिकिंग, दहेज हत्या और एसिड अटैक केस होते हैं।
ये भी पढ़ें: Kolkata Rape Murder: ममता सरकार ने डाॅक्टर्स की 99 प्रतिशत मांगें मानी, फिर भी जारी रहेगा आंदोलन, जानें क्यों?