हिमाचल प्रदेश में इन दिनों विमल नेगी की मौत का मामला सुर्खियों में है। हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है। वहीं, इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए प्रदेश के 3 वरिष्ठ अधिकारियों को फोर्स लीव पर भेज दिया है। इसमें पुलिस अधीक्षक (शिमला) संजीव कुमार गांधी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार चंद शर्मा शामिल हैं। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर ने दी है।
सचिव राकेश कंवर ने पुष्टि की है कि यह एक व्यापक अनुशासनात्मक कार्रवाई है। इसके साथ ही राज्य में नौकरशाही में फेरबदल की संभावना बढ़ गई है।
हाई लेवल मीटिंग में बड़ा फैसला
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में ढाई घंटे से अधिक समय तक हाई लेवल मीटिंग हुई। जिसमें मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव (विधि) शरद कुमार लगवाल, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन, सचिव (कार्मिक) एम सुधा देवी और राकेश कंवर शामिल थे। इस मीटिंग के बाद सचिव राकेश कंवर ने कहा कि एसीएस गृह, डीजीपी और एसपी शिमला को छुट्टी पर जाने का निर्देश दिया गया है।
पुलिस जांच में प्रशासनिक लापरवाही
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत की चल रही जांच को लेकर बढ़ रही आलोचना के कारण की गई है। मामले की जांच और पूछताछ के दौरान साफ तौर पर अनुशासनहीनता और आरोप-प्रत्यारोप को देखते हुए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में प्रशासनिक लापरवाही, प्रोसीजरल एरर और पुलिस हेरारकी में आंतरिक संघर्ष के आरोपों ने कानूनी जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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सीबीआई को सौंपा केस
एसपी संजीव गांधी ने डीजीपी अतुल वर्मा पर जांच के दौरान हस्तक्षेप का आरोप लगाया। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का काम सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। साथ ही निष्पक्ष और गहन जांच की जरूरत पर भी जोर दिया। सीबीआई ने सोमवार को औपचारिक रूप से मामले को अपने हाथ में ले लिया और एफआईआर दर्ज कर ली है।
क्या है हिमाचल का विमल नेगी मामला
बता दें कि HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च 2025 से लापता थे। इसके बाद 18 मार्च 2025 को उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर झील में मिला, जिसके बाद 19 मार्च को विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने न्यू शिमला थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में उन्होंने पावर कॉरपोरेशन के निदेशक देसराज और प्रबंध निदेशक (MD) हरिकेश मीणा पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके पति विमल नेगी को मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित किया है, जिसकी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली है।
इसके बाद विमल नेगी के परिजनों ने 19 मार्च को ही शव के साथ पावर कॉरपोरेशन ऑफिस के बाहर रात 10 बजे तक धरना दिया। इसके बाद निदेशक देसराज को निलंबित कर दिया गया।