Himachal News: उत्तर प्रदेश सरकार के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी खाने-पीने की दुकानों के बाहर नाम लिखना होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है। आदेश में सभी स्ट्रीट वेंडरों और खाने-पीने की दुकानों में मालिकों और स्टाफ सदस्यों का नाम बताना होगा। हिमाचल सरकार का ये कदम योगी आदित्यनाथ सरकार की नकल कहा जा रहा है। इसमें रेहड़ी वालों को भी पहचान के लिए नाम और आईडी दिखाना जरूरी होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश सरकार में होटलों का मालिकाना हक दिखाने के लिए आदेश जारी किए। इसके बाद हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। यह फैसला खाद्य सुरक्षा के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह घोषणा किए जाने का हवाला दिया कि भोजनालयों और खाद्य विक्रेताओं को स्वच्छता और गुणवत्ता के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
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पैनल का गठन किया गया
आदेश में कहा गया कि किसी भी खाद्य व्यवसाय के मालिकों को नाम लिखना इसलिए जरूरी होगा, ताकि उन्हें कुशलतापूर्वक ट्रैक किया जा सके। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के बारे में चिंताओं पर चर्चा करने के लिए विभाग और शिमला नगर निगम की मंगलवार को एक बैठक हुई। पहचान पत्र जारी करने के लिए एक स्ट्रीट-वेंडिंग पैनल का गठन किया गया है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण और अन्य विवरण देना जरूरी है।
विक्रमादित्य ने बताया कि पहले भी हिमाचल प्रदेश में ऐसे निर्णय लिए थे, लेकिन इन्हें हाई कोर्ट में खारिज कर दिया गया था। इसलिए, हम ऐसा कोई निर्णय नहीं लेना चाहते जो न्यायिक जांच के दायरे में आए।
आपको बता दें कि ये मामला शिमला के संजौली में एक मस्जिद के विवादित हिस्से को गिराने के लिए अभियान शुरू हुआ। इसके कारण स्ट्रीट वेंडिंग में शामिल बाहरी लोगों के पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की मांग की गई।
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