चंडीगढ़: हरियाणा में नशा तस्करों की खैर नहीं होगी। राज्य से नशा तस्करों का सफाया करने के लिए पुलिस बड़े पैमाने पर ऐसे तस्करों की गिरफ्तारी और मादक पदार्थ की जब्ती कर रही है। इस पूरे अभियान को पुलिस महानिदेशक (DGP) ने अधिकारियों को खुले मन से कार्रवाई करने की छूट दे रखी है, वहीं ट्रैक करने के लिए लगातार मीटिंग भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में गृह विभाग की मंजूरी के बाद PIT-NDPS एक्ट 1988 के तहत अब तक 9 बड़े ड्रग तस्करों को प्रिवेंटिव हिरासत में लिया जा चुका है। ये सभी आरोपी लगातार नशे के व्यापार में शामिल थे।
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नूंह के राजवाड़ा मोहल्ला निवासी इकबाल उर्फ कांति के खिलाफ 113.17 किलो और 38.86 किलो गांजा पत्ती की तस्करी की दो FIR दर्ज
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सोनीपत, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पंचकूला और कैथल जिलों से संबंधित 8 और आरोपी पहले ही भेजे जा चुके जेल
पुलिस महानिदेशक हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने बताया कि प्रदेश की पुलिस प्रदेश के युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाने की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ते हुए हर कारगर कदम उठा रही है। प्रदेश में नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत अवैध तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिला पुलिस और नारकोटिक्स यूनिटों को नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। इसी कड़ी में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) की टीम ने नूंह के राजवाड़ा मोहल्ला निवासी गांजा तस्करी गिरोह के सरगना इकबाल उर्फ कांति को प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया है। इकबाल के खिलाफ 113.17 किलो और 38.86 किलो गांजा पत्ती की तस्करी के दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज है, वहीं इकबाल की पत्नी भी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल है। उसके खिलाफ भी NDPS एक्ट 1985 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज है।
पुलिस प्रमुख ने बताया कि इकबाल वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है और निवारक हिरासत के परिणामस्वरूप वह जमानत या पैरोल पर भी नहीं आ पाएगा। यह कार्रवाई सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही कार्रवाई की गई है। इसके अलावा सोनीपत, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पंचकूला और कैथल जिलों से संबंधित 8 और आरोपियों को पुलिस पहले ही हिरासत में लेकर जेल भेज चुकी है।
उन्होंने (डीजीपी कपूर ने) कहा कि ये समाज के सबसे बड़े दुश्मन बने बैठे नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के लिए हम कृतसंकल्प हैं। गृह विभाग की मंजूरी के साथ HSNCB द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की संपत्तियों की पहचान की जा रही है, ताकि इन तस्करों द्वारा अर्जित की गई अवैध संपत्ति को NDPS एक्ट 1985 के प्रावधानों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा कुर्क और जब्त किया जा सके।
ADGP ओपी सिंह ने कहा-PITNDPS एक्ट 1988 के तहत होगी काली कमाई जब्त
उधर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) ने हिरासत में लेने के लिए प्रदेश में फैले नशे के व्यापार में लिप्त 40 से अधिक अन्य प्रमुख ड्रग तस्करों की भी पहचान की है। अवैध रूप से नशा तस्करी कर कमाई गई काली संपत्ति से बनाए गए मकान, दुकान को भी जल्द ही कुर्क किया जाएगा। अपनी इस हरियाणा पुलिस नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम (PITNDPS) 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी। इसके तहत मादक पदार्थों की तस्करी, उनके सरगनाओं और फाइनेंसरों पर नकेल कसने के लिए एक्ट में प्रावधान दिए गए हैं। इस एक्ट के तहत प्रिवेंटिव हिरासत आदेश जारी किए जाते है, जिसके बाद हिरासत में लिए गए व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। साथ ही इसके अलावा आरोपी, उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति भी NDPS एक्ट 1985 के तहत जब्त करने का प्रावधान भी है।