Gurugram Covid Fearing Case: हरियाणा के गुरुग्राम में कोरोना के डर का एक अजीब मामला सामने आया है। कोरोना के डर से एक महिला ने खुद को बेटे के साथ पिछले तीन साल से अपार्टमेंट में कैद रहा था। मामले की जानकारी के बाद बुधवार को महिला और उसके बेटे को बाहर निकाला गया। मामला मारुति विहार एरिया का है।
मीडिया से बात करते हुए गुरुग्राम की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य उषा सोलंकी ने कहा, “गुरुग्राम के चक्करपुर निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी और बच्चा पिछले 3 साल से एक फ्लैट में बंद हैं। उसकी पत्नी न तो उसे अपार्टमेंट में घुसने देती है और न ही अपने बेटे को बाहर भेजती है।”
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महिला ने पति को काम के लिए दूसरा फ्लैट लेने को कहा
उषा सोलंकी ने बताया कि खुद को बेटे के साथ अपार्टमेंट में कैद करने वाली महिला ने अपने पति से काम के लिए दूसरा फ्लैट लेने को कहा था। उन्होंने बताया कि फिलहाल महिला के साथ उसके बेटे को बाहर निकाला गया। उषा सोलंकी ने यह भी कहा कि महिला की मानसिक स्थिति की भी जांच की जाएगी। महिला और उसके बेटे को अस्पताल ले जाया गया है।
पति समेत रिश्तेदारों से बना ली थी दूरी
जानकारी के मुताबिक, बेटे के साथ फ्लैट में खुद को कैद करने वाली महिला ने पति समेत रिश्तेदारों से दूरी बना ली थी। पड़ोसियों की मानें तो उन्हें लगता था कि फ्लैट बिलकुल खाली है, क्योंकि किसी का आना-जाना नहीं होता था। उन्होंने बताया कि कभी-कभी किचन में हल्की लाइट जलती थी और किसी के बात करने की हल्की आवाज भी आती थी, हालांकि सुजान कभी कभी सामान लेकर लाते जरूर दिखते थे। मां-बेटे के घर में बंद होने की जानकारी होने पर पड़ोसी भी हैरान हैं।
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महिला के पति पेशे से हैं इंजीनियर
महिला के पति सुजान पेशे से इंजीनियर हैं। वे अपनी पत्नी मुनमुन और बेटे के साथ मारुति विहार में रहते हैं। सुजान के मुताबिक, कोरोना की पहली लहर में जब कोरोना प्रतिबंधों में हल्की छूट दी गई तब से लेकर उनकी पत्नी घर में किसी को आने नहीं देती थी। उसे डर था कि कोरोना वायरस कही उसे और उसके बेटे को चपेट में न ले ले। सुजान के मुताबिक, मुनमुन ने खुद भी फ्लैट के बाहर आना बंद कर दिया और बेटे को भी नहीं निकलने देती थी।
किराए पर फ्लैट लेकर रहने लगे सुजान
सुजान के मुताबिक, कुछ दिनों तक वे अपनी पत्नी के मनाते रहे। उन्हें लगा कि स्थितियां जब सही हो जाएंगी, सब ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस बीच वे पड़ोस में ही किराए के फ्लैट में रहने लगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान वे अपनी पत्नी और बेटे से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में रहते थे। सुजान ने बताया कि वे पत्नी और बच्चे के लिए समय-समय पर राशन और अन्य जरूरी सामान पहुंचाते थे। उन्होंने बताया कि मेरा बेटा इस तीन साल में स्कूल नहीं गया, वो ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई करती थी।
बाहर नहीं आने को लेकर महिला की थी ये जिद
सुजान के मुताबिक, पत्नी और बेटे को बाहर निकालने के लिए उसने काफी प्रयास किया। जब वह अपनी पत्नी को समझाता था तो पत्नी कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए बाहर निकलने और किसी को फ्लैट के अंदर आने से माना कर देती थी। महिला का कहना था कि वह तब तक बाहर नहीं आएगी जब तक 10 साल के बच्चे के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं आ जाती।