Gujarat Sea link Project: सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के लोगों के लिए जरूरी खबर है। अभी तक सौराष्ट्र और दक्षिण से लोगों को अहमदाबाद-वडोदरा आना पड़ता था। इस सी-लिंक परियोजना के आने से इसकी जरूरत नहीं होगी। दाहेज-भावनगर के बीच रेलवे सी-लिंक परियोजना को मंजूरी मिल गई है, जिससे सौराष्ट्र से सूरत सिर्फ 3 घंटे में और मुंबई 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। रेलवे बोर्ड ने गुजरात में पहली सी-लिंक परियोजना के फाइनल सर्वे को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करने की भी अनुमति दे दी गई है।
भरूच में दाहेज और भावनगर के बीच समुद्री मार्ग पर बनने वाली सी-लिंक रेलवे परियोजना सौराष्ट्र, दक्षिण गुजरात और मुंबई को सीधे जोड़ेगी। यह गुजरात की पहली रेलवे सी-लिंक परियोजना है। वर्तमान में भावनगर से सूरत तक 530 किलोमीटर की दूरी तय करने में 9 घंटे लगते हैं, जो परियोजना पूरी होने के बाद घटकर 160 किलोमीटर रह जाएगी और सिर्फ 3 घंटे में तय हो जाएगी। सौराष्ट्र से मुंबई तक यात्रा करने में 13 घंटे लगते हैं, जो अब घटकर 8 घंटे रह जाएगा। दूसरी ओर, दाहेज से पोरबंदर-द्वारका ओखा तक 924 किलोमीटर लंबी तटीय रेलवे लाइन की भी तैयारी चल रही है।
सूरत-मुंबई का सफर कितने घंटे में होगा पूरा?
नई रेलवे लाइन से सबसे बड़ा फायदा सौराष्ट्र के यात्रियों को होगा। अब तक उन्हें अहमदाबाद, वडोदरा और आणंद होते हुए 500 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। इस परियोजना के आने के बाद कोई अतिरिक्त दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। भावनगर से सी-लिंक रेलमार्ग दाहेज होते हुए सीधे भरूच पहुंचेगा और वहां से सूरत-मुंबई का सफर मात्र 6 घंटे में पूरा हो जाएगा।
तटीय रेल लाइन (Coastal Rail Line) क्या है?
गुजरात में पहली 40 किलोमीटर सी-लिंक परियोजना में तटीय रेल लाइन की बात करें तो इसमें दाहेज-जंबूसर-कथाना-खंभात, धोलेरा-भावनगर, भावनगर-महुवा-पीपावाव, पीपावाव-छारा-सोमनाथ-सरडिया, पोरबंदर-द्वारका-ओखा शामिल हैं। गुजरात में 924 किलोमीटर लंबी तटीय रेल लाइन भी तैयार की जाएगी। रेल मंत्रालय ने 924 किलोमीटर लंबी तटीय रेल लाइन के निर्माण के लिए क्षेत्रीय रेलवे को 23 करोड़ रुपये दिए हैं ताकि इसके अंतिम स्थान का सर्वे किया जा सके।
गुजरात के लोगों को क्या लाभ होगा?
- समय की बचत- लंबी दूरी की यात्रा में समय की बचत होगी, जिससे यात्रा आरामदायक और सुविधाजनक हो जाएगी।
- आर्थिक विकास- रेलवे परियोजना से क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
- यातायात सुधार- इस परियोजना से यातायात की स्थिति में भी सुधार होगा, जिससे यातायात का दबाव कम होगा।
भावनगर से मुंबई की वर्तमान दूरी 779 किमी घटकर 370 किमी रह जाएगी, राजकोट से मुंबई की वर्तमान दूरी 737 किमी घटकर 430 किमी रह जाएगी तथा जामनगर से मुंबई की वर्तमान दूरी 812 किमी घटकर 490 किमी रह जाएगी। वर्तमान में, वडोदरा-अहमदाबाद के रास्ते मुंबई से जामनगर, भावनगर और राजकोट तक यात्रा करने में 12 घंटे लगते हैं। वहां दाहेज-भावनगर रेलवे समुद्री लिंक के जरिए नहीं जाना पड़ेगा और समय घटकर 5-7 घंटे रह जाएगा।
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