भूपेंद्र सिंह ठाकुर
Gujarat Bulldozer Action on 90 Houses: गुजरात के भूपेंद्र पटेल इन दिनों राज्य में बुलडोजर कार्रवाई के लिए लगातार सुर्खियों में हैं। कुछ दिनों पहले ही द्वारका में काफी बड़े स्तर पर बुलडोजर कार्रवाई की गई थी। वहीं, अब शक्तिपीठ तीर्थस्थल अंबाजी में बुलडोजर कार्रवाई जोर पर चल रही है। बनासकांठा जिले में आने वाले शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर ये कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को भारी पुलिस बल की तैनाती और निगरानी के बीच बड़ी मशीनों से रिहाइशी और अन्य इमारतों को तोड़ा जा रहा है। दरअसल, बुलडोजर कार्रवाई शक्तिपीठ कॉरिडोर के तहत की जा रही है।
हाई कोर्ट का फैसला
बता दें कि शक्ति कॉरिडोर के रास्ते में मकान तोड़े जाने के खिलाफ करीब 60 लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया और तुरंत सिस्टम से दबाव हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद बुलडोजर से अवैध इमारतों को गिरा रहा है।
जिला प्रशासन का नोटिस
दरअसल, अंबाजी मंदिर से एक किलोमीटर दूर स्थित गब्बर शक्तिपीठ के पास बसी रबारी कॉलोनी में बने 90 मकानों को पहले ही जिला प्रशासन ने नोटिस दिया था। जहां अब बनासकांठा जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन ने बुधवार शाम 5 बजे लोगों को घर खाली करने का आखिरी मौका दिया था। घर खाली करने के बाद शाम में ही बुलडोजर कार्रवाई शुरू की गई। इस कार्रवाई में 90 रिहायशी मकान गिराए गए हैं।
द्वारका में बुलडोजर एक्शन
इससे पहले करीब एक हफ्ते के बड़े अभियान में गुजरात सरकार ने द्वारका के बेट द्वारका में कुल 525 अवैध मकानों का ध्वस्त किया था। इनमें 9 धार्मिक स्थल और 3 कॉमर्शियल इमारतें शामिल थीं। बेट द्वारका में एक छोटा-सा द्वीप है जो गुजरात के द्वारका शहर से 35 किलोमीटर दूर है।
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1200 करोड़ का खर्च
ये तोड़क कार्यवाही 1200 करोड़ के खर्च से निर्मित होने वाले शक्तिपीठ कॉरिडोर का ही एक हिस्सा है। ये शक्तिपीठ कॉरिडोर अंबाजी मंदिर से लेकर गब्बर पहाड़ी तक करीब 4 किलोमीटर लंबा होगा। अंबाजी कॉरिडोर का काम आने वाले कुछ दिनों में शुरू होने की संभावना है। जिला प्रशासन ने रबारी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को मकान के एवज में पीएम आवास में मकान देने का आश्वासन तक दिया था।
पुलिस प्रशासन ने भारी पुलिस बल और 16 डिमोलिशन टीम के साथ एक्शन लिया। यह कार्रवाई कलेक्टर, जिला पुलिस प्रमुख और बाकी वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में की जा रही है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस द्वारा कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं।