Gujarat Government School Teacher: गुजरात में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह मामला बनासकांठा जिले के अंबाजी के पास के एक सरकारी स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहां पर एक शिक्षिका काम करती है जो बरसों से अमेरिका में रहती हैं लेकिन वह इस स्कूल की शिक्षिका भी हैं। मजेदार बात यह है कि वह सैलरी भी ले रही हैं। सवाल खड़ा हो रहा है क्या स्थानीय अधिकारियों की बिना मिलीभगत के यह संभव है? जांच में सामने आया है कि उनकी जब इच्छा होती है तो वह दिवाली पर 10 महीने बाद आ जाती हैं और फिर एक महीने के लिए पढ़ाती है। मामले का खुलासा होने के बाद से ही अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जांच में यह भी सामने आया है कि वह 11 महीने अमेरिका में और एक महीना भारत में रहती है।
बनासकाठा जिले की दांता तहसील में स्थित अंबाजी मंदिर के पास स्थित पंचा प्राथमिक स्कूल है। स्कूल की शिक्षिका भावनाबेन पटेल पिछले 8 साल से अमेरिका में रह रही हैं। वे साल में एक बार कभी-कभी ही स्कूल में आती है। भावना पटेल के पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है, फिर भी भारत के इस सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में उनका नाम दर्ज है, स्कूल बोर्ड पर नाम अंकित है। आरोप है कि इस संबंध में कई बार ज्ञापन देने के बाद भी अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्कूल के प्रभारी शिक्षक का कहना है कि यह शिक्षक साल में एक बार दिवाली के समय आती हैं।
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दो साल पहले स्कूल आई थी शिक्षिका
स्कूल की शिक्षिका पारूलबेन के अनुसार भावना बेन पटेल को स्कूल के बच्चों ने दो साल पहले देखा था। वे जिस क्लास की मुख्य अध्यापिका हैं, उस क्लास के बच्चे अब पांचवी कक्षा में पहुंच चुके हैं लेकिन वे बच्चों को नहीं दिखी, वे लंबे समय से अनुपस्थित चल रही हैं। पारूल बेन ने कहा कि वर्तमान में उनके पास पांचवी क्लास की जिम्मेदारी है, शिक्षिका भावनाबेन पटेल के लंबे समय से अमेरिका में होने के बाद भी नौकरी जारी रहने पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
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कैसे जारी रही नौकरी?
सवाल उठ रहे हैं कि नौकरी कैसे जारी रही? सवाल यह भी है कि क्या इस स्कूल में कभी निरीक्षण नहीं होता? उन पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने इस खुलासे पर अभी तक कोई प्रतिक्रया तक नहीं दी है। क्या इसी तरह गुजरात पढ़ेगा? इस सवाल का जवाब गुजरात के शिक्षा विभाग से हर कोई पूछ रहा है।
गुजरात से ठाकुर भूपेंद्र सिंह की रिपोर्ट।