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GNCDT विधेयक का राघव चड्ढा ने किया विरोध, बोले- इससे दिल्ली में लोकतंत्र की जगह ‘बाबूशाही’ आएगी

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 (जीएनसीटीडी) की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र को ‘बाबूशाही’ में बदल देगा। आप नेता और पंजाब के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि जीएनसीटीडी पिछले अध्यादेश से भी बदतर है। यह हमारे लोकतंत्र, संविधान और […]

Author Edited By : Siddharth Sharma Updated: Feb 5, 2024 15:40
Raghav Chadha GNTDC

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 (जीएनसीटीडी) की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र को ‘बाबूशाही’ में बदल देगा। आप नेता और पंजाब के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि जीएनसीटीडी पिछले अध्यादेश से भी बदतर है। यह हमारे लोकतंत्र, संविधान और दिल्ली के लोगों के खिलाफ है।

इस दिल्ली सेवा विधेयक को संसद में अब तक पेश किया गया सबसे अलोकतांत्रिक और अवैध कागज का टुकड़ा बताते हुए चड्ढा ने कहा कि ‘यह विधेयक अनिवार्य रूप से दिल्ली की चुनी हुई सरकार से सभी शक्तियां छीन लेता है और उन्हें उपराज्यपाल और ‘बाबुओं’ को सौंप देता है। यह विधेयक के पास होने के बाद दिल्ली में लोकतंत्र की जगह ‘नौकरशाही’ ले लेगा क्योंकि इसमें नौकरशाही और उपराज्यपाल को सर्वोपरि शक्तियां दे दी गई हैं।’

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चड्ढा ने तर्क दिया कि चुनी हुई सरकार के पास कोई शक्ति नहीं बचेगी, जो दिल्ली के 2 करोड़ लोगों का अपमान है जिन्होंने भारी और ऐतिहासिक बहुमत के साथ अरविंद केजरीवाल सरकार को चुना। लोकसभा और राज्यसभा में अध्यादेश के स्थान पर जो विधेयक लाया गया है, वह अध्यादेश से भी बदतर है। यह हमारी न्यायपालिका पर हमला है, जिसने चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। यह भारत के संघीय ढांचे, लोकतंत्र और संविधान पर हमला है। इंडिया गठबंधन के सभी सदस्य इस बिल का विरोध करेंगे।

चड्ढा ने दिल्ली सरकार को निशाना बनाने वाली भाजपा की राजनीति पर प्रकाश डाला और कहा कि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने में लगातार विफल रही है। पिछले 25 वर्षों में दिल्ली के सभी 6 मुख्यमंत्री गैर-भाजपा थे। भाजपा दिल्ली में राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हो गई है, जिसके कारण इस विधेयक के माध्यम से वह आम आदमी पार्टी से सत्ता छीनने और दिल्ली सरकार को अप्रभावी बनाने की बेताब कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सफलता को पचा नहीं पा रही है। इसलिए किसी भी कीमत पर उन्हें रोकना चाहती है।

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उन्होंने बताया कि इस विधेयक से अधिकारी दिल्ली सरकार की कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले को लागू करने से इनकार कर सकते हैं. अधिकारी हर मंत्री के फैसले का लेखा-जोखा करेंगे। सभी बोर्डों और आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्ति उपराज्यपाल द्वारा की जाएगी। बिजली बोर्ड और जल बोर्ड के अध्यक्षों का फैसला भी उपराज्यपाल करेंगे। अब राज्यपाल तय करेंगे कि दिल्ली के लोगों को मुफ्त पानी और बिजली मिलेगी या नहीं। उपराज्यपाल दिल्ली सरकार और मंत्रियों के फैसले को पलट सकते हैं।

राघव चड्ढा ने आगे कहा, “मैं बहुत आशान्वित हूं। यह सत्य और असत्य, धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई है। धर्म और सत्य हमारे साथ हैं। बीजेपी जो कर रही है वह अधर्म है। मुझे उम्मीद है कि धर्म की जीत होगी।” मेरा विश्वास है कि ट्रेजरी बेंच पर बैठने वाले कई सांसद भी भारत के संविधान की रक्षा के लिए आगे आएंगे।

(Klonopin)

First published on: Aug 02, 2023 01:31 PM

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