Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि जैन और उनके सह आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन को जमानत मिलती है तो गवाहों के जीवन को खतरा हो सकता है।
सत्येंद्र जैन एक प्रभावशाली और राजनीतिक बड़े पद पर रह चुके हैं। इसके बाद जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने जैन की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
Delhi HC reserves order on Satyendar Jain's bail plea in PMLA case
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सत्येंद्र जैन ने कोर्ट में रखा ये पक्ष
अपनी जमानत याचिका में जैन ने कहा कि वह 7 बार ईडी के सामने पेश हुए हैं। जांच में सहयोग किया। उन्हें 2022 में 5 साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने 17 नवंबर 2022 को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
जैन नहीं दे सके थे संपत्ति का हिसाब
जैन को 30 मई, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। सीबीआई जांच के बाद इस केस में ईडी शामिल हुई थी। जैन पर आरोप है कि उन्होंने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल-अचल संपत्तियां कमाई थीं। जिसका वे हिसाब नहीं दे सके थे।
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