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दिल्ली

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत पर फैसला कल

नई दिल्ली: मनी लॉड्रिंग केस मे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत पर कल फैसला आएगा। सत्येंद्र जैन समेत दो अन्य की जमानत पर भी अदालत कल ही अपना ऑर्डर देगी। दरअसल, बुधवार को विशेष सीबीआई जज विकास ढुल ने कहा की आज ऑर्डर की कॉपी तैयार नहीं है। जिसमें कुछ समय लगेगा। अब […]

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Mar 8, 2024 17:04
Delhi News, Satyendar Jain, Delhi High Court, AAP
सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली: मनी लॉड्रिंग केस मे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत पर कल फैसला आएगा। सत्येंद्र जैन समेत दो अन्य की जमानत पर भी अदालत कल ही अपना ऑर्डर देगी। दरअसल, बुधवार को विशेष सीबीआई जज विकास ढुल ने कहा की आज ऑर्डर की कॉपी तैयार नहीं है। जिसमें कुछ समय लगेगा। अब 17 नवंबर को दोपहर 2 बजे ऑर्डर सुनाया जाएगा।

 

बता दें दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तार स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस मामले में 11 नवंबर को कोर्ट ने अपना ऑर्डर रिजर्व किया था। इससे पहले जिरह के दौरान जैन की ओर से कहा गया था कि आवेदक से संबंधित जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। आवेदक के विरुद्ध धनशोधन का कोई मामला नहीं बनता है।

जैन का यह पक्ष

जैन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और राहुल मेहरा ने कहा था कि आरोप लगाया गया है कि 2010 में मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रची गई थी। उस समय न तो जैन विधायक थे और न ही मंत्री। ऐसे में वह मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश कैसे रच सकता है?

यह लगे हैं आरोप

वहीं, जांच एजेंसी ईडी के एएसजी ने जमानत याचिका का विरोध किया। एएसजी एस वी राजू ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनाने के लिए पर्याप्त गवाह और सामग्री हैं। एएसजी ने कहा था कि आरोपी अन्य आरोपियों के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल था। उसने कोलकाता की कंपनियों को पैसा भेजा और वह पैसा जैन का है। वह साजिशकर्ता और सरगना है।

अदालत में यह हो चुका 

इससे पहले ईडी ने तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन को दिए गए स्पेशल ट्रीटमेंट का मुद्दा भी उठाया। ईडी का दावा था कि मंत्री को खास खाना मुहैया कराया जा रहा है और अनजान लोगों से मसाज करवाई जा रही है। बता दें जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि जिन कंपनियों पर जैन का “लाभप्रद स्वामित्व और नियंत्रण” था, उन्होंने शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टियां प्राप्त कीं, जो हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद हस्तांतरित की गईं। गौरतलब है ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके। के लिये।

(hiboost.com)

First published on: Nov 16, 2022 05:50 PM

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