नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स अस्पताल में सर्वर हैक मामले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां इससे देश के सबसे बड़े अस्पताल का काम प्रभावित हो रहा है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। उधर दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो हैकर्स ने सर्वर वापस देने के 200 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है। इतना ही नहीं फिरौती की यह रकम भी क्रिप्टो करेंसी में मांगी गई है। हालांकि जांच एजेंसियां फिलहाल इस मामले में अधिक खुलासा नहीं कर रहीं और इस बारे में जानकारी होने या एम्स की तरफ से शिकायत मिलने से इन्कार किया है।
इससे पहले मामले में दिल्ली पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 385 में मामला दर्ज किया है। इस धारा में जबरन वसूली करने के लिए व्यक्ति को भयभीत करना, आदि शामिल है। इस धारा में करीब दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। वहीं, इसके साथ आईटी का सेक्शन 66 भी लगाया गया है। इसमें कम्प्यूटर संबंधी अपराध शामिल होता है। इसकी सजा तीन वर्ष तक और पांच लाख तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
बता दें 23 नंवबर की सुबह एम्स का सर्वर हैक हो गया था। एम्स प्रशासन ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। साइबर एक्सपर्ट की मानें तो किसी संस्था का सर्वर हैक करने पर हैकर उसका डाटा, रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सकते हैं। गौरतलब है कि एम्स में आए दिन किसी न किसी बड़ी बीमारी व स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च होती रहती है। ऐसे में यहां का डाटा चोरी होने व उसमें छेड़छाड़ होने का खतरा बना हुआ है। साइबर टीम मामले की जांच में जुटी है। एम्स प्रशासन इस मामले में विशेषज्ञों की मदद ले रहा है। बता दें सर्वर हैक होने से एम्स का रोजमर्रा का कामकाज प्रभावित हो रहा है।