Delhi Health Minister alleged on ‘Delhi Ke Farishte’ scheme(पल्लवी झा) : दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि जुलाई 2022 से प्राइवेट अस्पताल का पैसा रोका गया है। 1 साल से जो दिल्ली में हादसे हो रहे हैं, उसमें किसी को सही इलाज ना मिल जाए, इसके लिए दिल्ली के हेल्थ सेक्रेटरी दोषी हैं।
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‘दिल्ली के फरिश्ते’
दिल्ली सरकार साल 2019 से ‘दिल्ली के फरिश्ते’ स्कीम चला रही है। योजना शुरू होने के बाद आप सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का दिल्ली के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज सकते हैं, इससे कोई भी निजी अस्पताल इनकार नहीं कर सकता है। अगर किसी का एक्सीडेंट दिल्ली की सड़क पर हुआ हो तो मरीज को किसी भी अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है, जिसका खर्चा सरकार वहन करती थी, जिससे 23 हजार लोगों को फायदा पहुंचा है, लेकिन पिछले एक साल से ये ठप पड़ा है, इसको एक षड्यंत्र के तहत रोका जा रहा है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल को लिखा लेटर
स्वास्थ्य मंत्री का आरोप है कि दिल्ली सरकार पर प्राइवेट हॉस्पिटल का 24.5 करोड़ का बकाया है, लेकिन अभी तक कोई इनक्वायरी की रिपोर्ट नहीं आई है। उनका कहना है कि डॉक्टर नूतन मुंडेजा, पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ और डॉक्टर एस बी दीपक कुमार(हेल्थ सेक्रेटरी) दोषी हैं, जिनकी वजह से ‘फरिश्ते योजना’ में बाधा डाली जा रही है, इनको बड़ी सजा मिलनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को लेटर लिखा है और इन अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है ।