Maratha Reservation in Maharashtra: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल( (Manoj Jarange Patil)) ने तीसरे दिन भी अपना अनशन जारी रखा। जरांगे का कहना है कि सीएम ने मराठा आरक्षण को लेकर हमसे 30 दिन का समय मांगा था, लेकिन हमने सीएम को 40 दिन का समय दिया फिर भी मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिला। इसके बावजूद हम सीएम पर विश्वास कैसे रखे। जरांगे पाटिल ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मराठा समाज के खिलाफ षड्यंत्र रचा है, इसके पीछे का कारण यह है कि सरकार नहीं चाहती कि मराठा समाज के बच्चे आगे बढ़े।
आरक्षण नहीं देना चाहती सरकार
जरांगे पाटिल ने कहा कि सीएम, डीसीएम दिल्ली गए लग रहा था वो आरक्षण को लेकर दिल्ली में कुछ बात करेंगे, लेकिन पीएम ने अपने भाषण में देशव्यापी मराठा आंदोलन के बारे में कुछ नहीं कहा। पाटिल ने कहा कि इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार, आरक्षण मराठा समाज को देना ही नहीं चाहती, पीएम मोदी पहले गरीबों के नेता लगते थे, लेकिन अब उनको गरीब से कुछ लेना-देना नहीं रहा।
समिति का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल
जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को घेरते हुए कहा कि मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया था, यह समिति मराठवाड़ा में जाकर पता कर रही थी कि क्या मराठा कुणबी हैं और इसके कोई सबूत हैं। उन्होंने कहा, इस समिति का कार्यकाल शिंदे सरकार ने 24 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया है। जरांगे का कहना है कि समिति ने किससे पूछकर कार्यकाल बढ़ाया, पहले ही इस समिति को 5000 से भी ज्यादा सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि मराठा कुणबी ही हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि समिति का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला लेकर, जरांगे से बातचीत के3 दरवाजे बंद कर दिए है।
29 अक्टूबर को बुलायी बैठक
जरांगे ने डंके की चोट पर कहा, मराठा समाज अगले 3 से 4 दिनो में आरक्षण लेकर रहेगा और यह आरक्षण लड़कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन की अगली दिशा तय करने के लिए 29 अक्टूबर को बैठक बुलायी गई है। इस बैठक के बाद मराठा आरक्षण का आंदोलन और तेजी से बढ़ेगा।