IFS Officer Suicide Inside Story: दिल्ली के चाणक्यपुरी में इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS) के अधिकारी की सुसाइड से सनसनी फैली हुई है। लोगों में चर्चा है कि आखिर लाखों की सैलरी लेने और सरकारी गाड़ी में घूमने वाला इतना बड़ा अफसर अपनी ही जान लेने को मजबूर क्यों हो गया? इस सवाल के जवाब की पुलिस को तलाश है। हालांकि प्रारंभिक जांच में सुसाइड का कारण डिप्रेशन में होना पता चला है, लेकिन अफसर डिप्रेशन में क्यों था?
इस सवाल का जवाब पुलिस तलाश रही है। पुलिस पारिवारिक विवाद के एंगल से भी केस की जांच करनी चाहिए, क्योंकि अफसर दिल्ली में अपनी मां के साथ रहता था और उसकी पत्नी दोनों बच्चों के साथ देहरादून में रहती थी। हालांकि यह कहा जा रहा है कि अफसर 9 महीने पहले बेल्जियम में था, इसलिए पत्नी-बच्चे देहरादून में रहते थे, लेकिन बेल्जियम से लौटने के बाद पत्नी-बच्चे दिल्ली क्यों नहीं आए? इसलिए पुलिस को सुसाइड की वजह पारिवारिक विवाद का होने का शक भी है।
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डिप्रेशन का चल रहा था इलाज
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिन दिल्ली के चाणक्यपरी में विदेश मंत्रालय की रेजिडेंशियल सोसाइटी में सरकारी क्वार्टर में रहने वाले IFS अधिकारी जितेंद्र रावत ने सुसाइड कर ली। 40 साल के जितेंद्र सोसाइटी में फर्स्ट फ्लोर पर अपनी मां के साथ रहते थे, लेकिन वे सोसाइटी की चौथी मंजिल से कूद गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया। उनकी खून से लथपथ लाश देखकर मां बेहोश हो गई थी। पड़ोसियों ने सुसाइड की सूचना पुलिस को दी और जितेंद्र की मां को संभाला।
पुलिस ने मौके पर आकर शव को कब्जे में लिया और जितेंद्र की पत्नी को उनकी सुसाइड की खबर दी। तलाशी के दौरान जितेंद्र के कपड़ों से या घर में से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। वहीं मां ने बताया कि जितेंद्र काफी समय से डिप्रेशन में थे और उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने किसी तरह की रंजिश से भी इनकार किया है। इसलिए पुलिस को इस सवाल का जवाब चाहिए कि जितेंद्र डिप्रेशन में क्यों थे? पुलिस को पत्नी के दिल्ली आने का इंतजार है।
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पिछले साल बेल्जियम गए थे काम से
रिपोर्ट के अनुसार, मृतक जितेंद्र की मां ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि जितेंद्र साल 2011 बैच के अधिकारी थे और वह बेल्जियम ऑफिशियल काम से गए थे। जितेंद्र 9 महीने पहले ही बेल्जियम से लौट थे। उनका 8 साल का बड़ा बेटा और 3 साल का छोटा बेटा था, जो मां के साथ देहरादून में रहते थे।