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यौन शोषण के आरोपी BJP सांसद बृजभूषण शरण ने कोर्ट में कहा-मंशा गलत न हो तो गले लगाना अपराध नहीं

दीपक द्विवेदी/नई दिल्ली: पहलवानों के यौन शोषण मामले में बुधवार को बड़ी खबर आई है। आज यौन शोषण के आरोपी BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली की राउज़ एवेन्यु कोर्ट में पेश हुए। बचाव पक्ष की तरफ से इस मामले में कोर्ट में कहा गया है कि बिना किसी गलत मंशा के गले लगाना कोई […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Aug 9, 2023 21:25
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दीपक द्विवेदी/नई दिल्ली: पहलवानों के यौन शोषण मामले में बुधवार को बड़ी खबर आई है। आज यौन शोषण के आरोपी BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली की राउज़ एवेन्यु कोर्ट में पेश हुए। बचाव पक्ष की तरफ से इस मामले में कोर्ट में कहा गया है कि बिना किसी गलत मंशा के गले लगाना कोई अपराध नहीं है। वैसे भी देश की सरकार की अनुमति के बिना देश के बाहर हुए किसी भी मामले में किसी के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। बृजभूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन ने कोर्ट में दलील दी कि कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 188 में यही कहती है कि मजिस्ट्रेट सिर्फ संज्ञान ले सकते हैं, लेकिन ट्रायल नहीं शुरू कर सकते हैं। खिलाडियों के साथ यौन शोषण के मामले में किसी भी खेल संघ की आंतरिक जांच में अगर लगाए आरोप सही नहीं पाए जाते हैं तो आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। ऐसे में मौजूदा एफआईआर रद्द की जानी चाहिए। हालांकि इस मामले में खबर लिखे जाने तक अभी कार्ट की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई थी।

  • बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने बताया-राउज़ एवेन्यु कोर्ट में रखी गई मौजूदा एफआईआर रद्द करने की मांग

ध्यान रहे, दिल्ली पुलिस ने यौन शोषण मामले में सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर रखी है। बुधवार को इस मामले में उनके वकील राजीव मोहन ने कहा कि अलग-अलग राज्यों या दूसरे देश में हुई किसी घटना इस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। सीआरपीसी के तहत अपराध का संज्ञान लेने की एक समय सीमा होती है। बलात्कार, छेड़छाड़, यौन शोषण के अपराध चालू रहने वाले अपराध नहीं है। उनमें आरोप तय करने की समय सीमा निश्चित है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि कानून के मुताबिक सभी आरोपों पर अलग अलग जांच होनी चाहिए या अलग अलग चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए, लेकिन एक मामले में सभी 6 शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर एक ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई।

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बृजभूषण के वकील ने कहा कि पहली शिकायतकर्ता द्वारा बृजभूषण पर जो आरोप लगाए थे, उनमें से तीन घटना भारत में हुई हैं, बाकी देश के बाहर हुई हैं। दिल्ली, बेराली और लखनऊ की घटना ही कोर्ट के क्षेत्राधिकार में आते हैं। बृजभूषण के वकील ने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने उसको 20-25 सेकंड के लिए कसकर गले लगाया था। पहली शिकायतकर्ता ने 21अशोका रोड में उसे टच करने का आरोप लगाया है, सिरी फोर्ट में गले लगाने का आरोप लगाया है। 2017 और 2018 के आरोपों पर 2023 में शिकायत की गई। शिकायत में देरी को लेकर कोई भी ठोस वजह नहीं बताई गई है, बस यही कहा गया कि वह अपने कैरियर को लेकर दबाव में थी।

बृजभूषण के वकील ने कहा की रेसलिंग में अमूमन मेल कोच होते है ऐसा कोई नियम नहीं महिला पहलवान के लिए महिला कोच होगी, जब कोई बड़ी इवेंट होती है तो वहां पर अक्सर देखने को मिलता है कि कोच खिलाड़ियों को लगे गले लगा लेते हैं। हम अभी चार्ज फ्रेम करने की स्टेज पर हैं, जहां चार्जशीट पर संज्ञान लेकर सुनवाई हो रही है, लेकिन चार्ज फ्रेम करने को लेकर जो कानूनी बाधाएं है उनको हल किए बिना चार्ज फ्रेम नहीं किया जा सकता है। यही कंडीशन सभी शिकायतकर्ताओं की शिकायत में लागू होती है। बिना किसी गलत मंशा के गले लगाना कोई अपराध नहीं है।

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News24 हिंदी

First published on: Aug 09, 2023 09:05 PM
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