नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप के पूर्व नेता योगेंद्र यादव को आपराधिक मानहानि के एक मामले में बरी कर दिया। मामला वकील सुरेंद्र शर्मा ने दायर किया था। सुरेंद्र शर्मा ने दावा किया था कि 2013 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनकी उम्मीदवार को आम आदमी पार्टी ने रद्द कर दिया था।
शाहदरा बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव और तत्कालीन आप कार्यकर्ता शर्मा ने आरोप लगाया था कि पार्टी ने उनसे 2013 में संपर्क किया था और उन्हें पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन बाद में उन पर झूठे आरोप लगाकर उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया था। शिकायत दर्ज कराने के दौरान शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने 14 अक्टूबर 2013 को प्रमुख अखबारों में छपी खबरों में उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था।
Rouse Avenue Court acquits Delhi CM Arvind Kejriwal, Deputy CM Manish Sisodia & Yogendra Yadav (former AAP leader) in a criminal defamation case filed by lawyer Surender Sharma, who claimed that his candidature from AAP was cancelled in the 2013 assembly elections at last moment. pic.twitter.com/ajEWPjNehS
— ANI (@ANI) August 20, 2022
---विज्ञापन---
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि गुप्ता ने शनिवार को आदेश पारित करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से दिखाए गए मीडिया रिपोर्ट्स का अध्ययन किया गया है, हालांकि इन रिपोर्ट्स से मानहानि का मामला स्थापित नहीं होता है। शनिवार को आदेश सुनाए जाने के दौरान तीनों व्यक्ति अदालत में मौजूद थे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, वकील सुरेंद्र कुमार शर्मा ने मामला दायर किया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान खराब स्वास्थ्य के कारण सुरेंद्र शर्मा की मृत्यु हो गई थी। बाद में उनके भतीजे ने कोर्ट में केस को आगे बढ़ाया। शर्मा के अनुसार, उन्होंने केजरीवाल, सिसोदिया और यादव के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। शर्मा की ओर से दलील दी गई थी कि 2013 में आप से उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी और विभिन्न समाचार पत्रों में खबरों को अपमानजनक तरीके से प्रकाशित किया गया था।
सुरेंद्र कुमार शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2013 में चुनाव से ठीक पहले AAP के कई कार्यकर्ताओं ने उनसे संपर्क किया था, जिन्होंने उन्हें आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था। बाद में उन्होंने मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव के कहने पर चुनाव लड़ने के लिए आवेदन पत्र भरने का फैसला किया। हालांकि बाद में टिकट देने से इनकार कर दिया गया।
14 अक्टूबर 2013 को शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने दावा किया कि विभिन्न प्रमुख समाचार पत्रों में छपे आर्टिकल्स में इन राजनीतिक व्यक्तियों की ओर से इस्तेमाल किए गए शब्द गैरकानूनी और अपमानजनक हैं, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है।