पटना: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन को गुरुवार को जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई को लेकर काफी विरोध हो रहा है। हालांकि आनंद मोहन की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं। उनकी रिहाई को लेकर जेल नियमों में हुए बदलाव के खिलाफ बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने याचिका दायर की है।
कोर्ट में दायर की गई याचिका में सरकार द्वारा जेव मैनुअल में कए गए बदलाव को निकस्त करने की मांग की गई है। कोर्ट से यह मांग की गई है कि वह सरकार की तरफ से जेल मैनुअल में किए गए संशोधन पर रोक लगाए। एडवोकेट और जनहित याचिकाकर्ता अलका वर्मा ने कहा इसका प्रयोजन क्या है? ऐसा कोई भी संशोधन जनहित में होना चाहिए, ये जनहित में नहीं है। यह मनमानी कार्रवाई है। यह संशोधन मनमाना है और यह अनुचित है।
Bihar | What is the purpose of any such amendment which is not in the public interest. The public servants were not consulted, those who were affected were not consulted, so it is not in public interest. This amendment is arbitrary and it is unfair: Alka Verma, Advocate and PIL… pic.twitter.com/JI9K6WN6EP
— ANI (@ANI) April 27, 2023
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बिहार सरकार ने जेल नियमावली में ड्यूटी पर तैनात लोकसेवक की हत्या की बात हटा दिया था। पहले नियम था कि किसी भी सरकारी सेवक की ड्यूटी के दौरान हत्या होती है तो दोषी को उम्र भर के लिए जेल में रहना होगा। बता दें कि बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए। उन्हें सरकार ने स्थायी तौर पर रिहा कर दिया है।