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क्यों बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने किया रिहा? मारे गए IAS अफसर की पत्नी ने बताई बड़ी वजह

Bihar News: बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने रिहा कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर मारे गए आईएएस जी कृष्णय्या की पत्नी उमा देवी हैरान और नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। उसको पहले मौत की सजा थी जिसे उम्रकैद में बदल दी गई। […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Apr 26, 2023 12:00
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Bihar News: बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने रिहा कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर मारे गए आईएएस जी कृष्णय्या की पत्नी उमा देवी हैरान और नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। उसको पहले मौत की सजा थी जिसे उम्रकैद में बदल दी गई। हमें बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा।

उमा देवी ने कहा कि बिहार में सब जातीय राजनीति है। वह राजपूत है और उसके बाहर आने से उसको राजपूत वोट मिलेगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि एक अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत है?

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बिहार में चार फीसदी राजपूत

उमा देवी ने जातीय राजनीति की बात उठाई। दरअसल, बिहार में चार फीसदी राजपूत हैं। आनंद मोहन भी इसी जाति से है। माना जा रहा है कि आनंद मोहन की रिहाई से इस वोटबैंक का फायदा नीतीश कुमार की पार्टी आरजेडी को अगले चुनाव में मिलेगा।

29 साल पहले डीएम की हत्या में मिली थी फांसी

आनंद मोहन 1994 में हुए गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। जिस वक्त कृष्णय्या की हत्या हुई, उस वक्त वे पटना से गोपालगंज जा रहे थे। उसी वक्त मुजफ्फरपुर के पास गैंगस्टर छोट्टन शुक्ला के अंतिम संस्कार के दौरान भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला।

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आनंद मोहन को निचली अदालत ने भीड़ को कृष्णैय्या को लिंच करने के लिए उकसाने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि 2008 में हाईकोर्ट ने इसे उम्र कैद की सजा में बदल दिया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी। अब बिहार सरकार ने कहा है कि आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके हैं। उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें परिहार पर रिहा किया जा रहा है।

सरेंडर के लिए पटना से सहरसा रवाना

आनंद मोहन मंगलवार को सरेंडर करने के लिए पटना से सहरसा जेल रवाना हो गया है। उसने कहा, ‘हम अपनी परोल सरेंडर करेंगे और जेल की जो भी औपचारिकताएं होंगी वह पूरा कर बाहर आएंगे। हमें कल सुबह तक वहां पहुंचना है, इसलिए हम आज ही निकलेंगे।’

क्यों आनंद मोहन आया बाहर?

दरअसल, बिहार की नीतीश कुमार की गठबंधन वाली सरकार ने 10 अप्रैल को जेल मैनुअल के परिहार नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत सरकारी सेवकों की हत्या करने वाले कैदियों को भी 14 साल की सजा काटने के बाद छोड़ा जा सकता है। शर्त यह है कि कारावास की अवधि में कैदी का आचरण अच्छा हो। इसी नियम का आनंद मोहन को फायदा पहुंचा है।

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First published on: Apr 25, 2023 05:20 PM

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