पटना: बिहार में शराबबंदी पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि ताड़ी बंद करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है ताड़ी एक नेचुरल जूस है और इसको शराब की कैटेगरी में रखना ही नहीं चाहिए। इसमें लाखों लोगों का व्यापार और रोजगार छिपा हुआ है। बड़ी संख्या में लोगों का इससे घर चलता है।
#WATCH ताड़ी बंद करने का कोई सवाल नहीं उठना चाहिए। ताड़ी एक नेचुरल जूस है और इसको शराब की कैटेगरी में रखना ही नहीं चाहिए। इसमें लाखों लोगों का व्यापार और रोजगार छिपा हुआ है: बिहार में शराबबंदी पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पटना pic.twitter.com/2YbkfPLfvl
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 30, 2022
इससे पहले मंगलवार को बिहार राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में शराब बंदी से प्रभावित हुए शराब और ताड़ी की बिक्री में शामिल लोगों के आर्थिक पुनर्वास के लिए एक योजना को मंजूरी दी है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं से कहा कि उक्त योजना के लिए 610 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय को भी मंजूरी दी गई है।
यह योजना अप्रैल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने से पहले शराब बनाने या ताड़ी निकालने के काम में लगे गरीब लोगों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आने वाले लोगों को एक लाख रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव करती है।