बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासत का पारा हाई है। सोमवार को पुलिस ने 24 साल पुराने एक केस को लेकर भाकपा माले यानी सीपीआई-एमएल विधायक महानंद सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि 2001 में दर्ज पुराने मामले में आरोप सिद्ध होने पर एक्शन लिया गया है। बताया जा रहा है कि सोमवार को विधायक कोरोना टेस्ट के लिए जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे थे। तभी पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
24 साल पुराने मामले में भेजे गए जेल
सोमवार को विधायक महानंगर सिंह अपने स्वास्थ्य और कोरोना टेस्ट कराने के लिए जहानाबाद के सदर अस्पताल पहुंचे। थोड़ी देर वहां भारी पुलिस बल पहुंच गया। विधायक इससे पहले कुछ समझ पाते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। विधायक की गिरफ्तारी की सूचना से उनके समर्थक अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने समर्थकों को समझा-बुझाकर वहां से हटाया। पुलिस ने 24 पुराने मामले में विधायक को कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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राजनीतिक साजिश के तहत हुआ एक्शन
विधायक की गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थक और विपक्षी दल के नेता नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत महानंद सिंह को गिरफ्तार किया गया है। समर्थकों में काफी रोष है। वहीं विपक्षी दल के कई नेताओं ने महानंद सिंह पर की गई कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज कराया है।
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