कुछ करने की ललक हो, तो फिर सफलता के बीच में गरीबी रोड़ा नहीं बनती है। ऐसी कई कहानियां आपने सुनी होंगी, जिसमें एक गरीब परिवार का कोई बच्चा अपने जीवन में नए कीर्तिमान रचता है। ऐसी ही भावुक कर देने वाली कहानी है, बिहार की बिटिया सुंदर कुमारी की। दरअसल, बिहार की कबड्डी टीम में सुंदर कुमारी खेलती हैं। उनको देशभर में प्रतिभाशाली खिलाड़ी के तौर पर सभी जानते हैं। वह अब तक 4 से 5 बार राष्ट्रीय स्तर पर स्पोर्ट्स में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। जब न्यूज24 की टीम सुंदर कुमारी के घर पहुंची, तो उनकी हालत देखकर दंग रह गई, क्योंकि उनका पूरा परिवार एक झोपड़ी में अपना जीवन बिताने को मजबूर है।
दो बड़े पुरस्कार किए अपने नाम
सुंदर कुमारी ने कबड्डी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उनको बिहार राज्य खेल सम्मान 2023 भी मिला। इसके अलावा, दूसरा पुरस्कार 2024 में सुंदर कुमारी कबड्डी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक पाने पर उन्हें बिहार राज्य खेल सम्मान 2024 में दिया गया।
बिहार की बिटिया श्रद्धा कुमारी की ये कहानी आँखों में आंसू ला देगी….संघर्ष-सफलता या कुछ और?
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परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर
सुंदर कुमारी के घर पहुंचने पर किसी भी तरह से ये नहीं लगेगा कि यह बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़ी का घर है। झप्पर पड़ी एक झोपड़ी में वह अपने परिवार के साथ रहती हैं। जैसे ही घर के अंदर जाते हैं, तो किचन के तौर पर केवल एक मिट्टी का चूल्हा और कुछ बर्तन खुले में रखे हैं। सोने के लिए टूटी हुई दो चारपाईयां रखी हैं। इसके अलावा, एक बांस पर बच्ची के सभी मेडल टंगे हुए हैं। इस एक झोपड़ी में ही उनकी जरूरत के लिए पूरा सामान रखा है। एक झोपड़ी इस परिवार के लिए पूरा मकान है। सुंदर के परिवार में उनके अलावा, दो छोटी बहनें और भी हैं।
कहीं से नहीं मिली मदद
सुंदर के माता-पिता ने बताया कि बारिश में पूरी तरह से इसमें पानी भर जाता है। उन्होंने बताया कि घर का खर्चा पूरा नहीं हो पाता है। सुंदर के पिता की तबीयत भी ठीक नहीं रहती है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आज तक आपको कोई सरकारी मदद मिली है? तो इस पर सुंदर के पिता ने इंकार किया कि उनको कोई मदद नहीं मिली है। सुंदर के पिता का कहना है कि उनकी बेटी को अगर और अच्छी सुविधाएं मिलतीं, तो वह आगे जा सकती थी।
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