Bihar Crime News: बिहार के अररिया जिले में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब बदमाशों ने एक पत्रकार को उसी के घर में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। परिवारवालों का सीधा आरोप है कि बदमाश सरपंच भाई की हत्या के मामले में गवाही देने से रोकने के लिए धमकी दे रहे थे।
विमल कुमार यादव बदमाशों के आगे नहीं झुके तो उन्होंने घर में आकर गोली कर दी। बताया गया है कि बदमाशों ने करीब दो साल पहले विमल के बड़े भाई गप्पू यादव की भी हत्या की थी। वे सरपंच थे। अररिया के इस हत्याकांड ने प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड की यादें भी ताजा कर दी हैं।
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विमल भैया… और मार दी गोली
परिवारवालों ने मीडिया को बताया कि सुबह करीब 5 बजे घर का दरवाजा खटका था। बाहर से आवाज आई थी कि विमल भैया दरवाजा खोलिए। आवाज सुनकर जैसे ही विमल ने दवाजा खोला तो चार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग में विमल को कई गोलियां लगीं। गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर परिवार के होश उड़ गए। बाहर पहुंचे तो विमल लहूलुहान हालत में पड़े थे। इसी दौरान आरोपी मौके से भाग खड़े हुए।
सोमवार को विमल की होनी थी गवाही
वारदात की जानकारी पर जिला प्रशासन और पुलिस के कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पीड़ित परिवार से बात की। घटना के बाद विमल की पत्नी पूनम बेसुध सी हैं। परिवार वालों ने पुलिस और मीडिया को बताया कि सोमवार (21 अगस्त) को भाई की हत्या के मामले में सुनवाई थी।
यूपी के प्रयागराज में भी हुई थी गवाह की हत्या
बता दें कि इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में अतीक अहमद के कुनबे ने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। उमेश पाल भी विधायक राजूपाल हत्या कांड में मुख्य गवाह थे। गवाही से रोकने के लिए अतीक के बेटे समेत अन्य आरोपियों ने उनपर हमला किया था, जिसमें उमेश पाल और उनके दो सिक्योरिटी गार्ड की मौते हुई थी।