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‘भगवान ने फरिश्ता भेजा है…’ विनेश फोगाट ने किसकी तारीफ में पढ़े कसीदे? कहा- जब टूट चुकी थी तब संभाला

Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद भी नियमों का शिकार हुई भारतीय बॉक्सर विनेश फोगाट कल देश वापस आने वाली हैं। उससे पहले उन्होंने एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने अपने दिल की बातें लिखी हैं।

Author Edited By : Gaurav Pandey Updated: Aug 16, 2024 21:47
Vinesh Phogat And Dr Dinshaw Pardiwala
Vinesh Phogat And Dr Dinshaw Pardiwala

Vinesh Fogat’s Letter : इस बार पेरिस में हुए खेलों के महाकुंभ में कई विवाद देखने को मिले लेकिन भारतीय मुक्केबाज विनेश फोगाट का मामला सबसे अलग रहा। शानदार प्रदर्शन कर महिला कुश्ती की 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल में पहुंचने वाली फोगाट को फाइनल से ठीक पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। इसकी वजह यह थी कि उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा था। नियमों के अनुसार उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। विनेश ने इसके खिलाफ अपील भी की थी लेकिन फैसला उनके हक में नहीं आया।

अपनी इसी अपील को लेकर विनेश अभी तक पेरिस में ही थीं। कल उनकी देश वापसी होगी। लेकिन, इससे पहले विनेश फोगाट ने एक खुला खत जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने करियर समेत कई मुद्दों और शख्सियतों पर बात की है। इनमें एक नाम शामिल रहा दिनशॉ पारदीवाला का जो पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल के मुख्य चिकित्साधिकारी थे। विनेश ने अपने पत्र में लिखा कि मेरे लिए और मैं समझती हूं कि कई और भारतीय एथलीट्स के लिए वह सिर्फ एक डॉक्टर नहीं बल्कि भगवान की ओर से भेजे गए किसी फरिश्ते की तरह हैं।

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मेरा खुद से भरोसा टूट गया तब संभाला

फोगाट ने लिखा कि जब मैंने चोटिल होने के बाद खुद पर भरोसा करना छोड़ दिया था तब उन्हीं का भरोसा, काम और विश्वास था जिसने मुझे फिर से अपने पैरों पर खड़े होने का जज्बा दिया। उन्होंने तीन बार मेरा ऑपरेशन किया है (दोनों घुटनों और एक कोहनी का) और मुझे दिखाया है कि इंसानी शरीर क्या कुछ सह सकता है। फोगाट ने आगे कहा कि उनका समर्पण, दयालुता और काम को लेकर ईमानदारी ऐसी है जिस पर कोई शक नहीं कर सकता, यहां तक कि भगवान भी नहीं। मैं उनकी और उनकी टीम के लिए हमेशा आभारी रहूंगी।

First published on: Aug 16, 2024 09:45 PM

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