Shane Warne vs Sachin Tendulkar: दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनके नाम बल्लेबाजी के तमाम रिकॉर्ड दर्ज हैं। 100 इंटरनेशनल शतक से लेकर टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका कद बढ़ाते हैं। देश के लिए 20 साल तक की सेवा ने सचिन को किताबों में भी नाम दिलाया। सचिन न सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि अपनी कामचलाऊ गेंदबाजी के लिए भी मशहूर थे। उन्होंने स्पिनर के तौर पर भी टीम के लिए कई बार उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। उनके कुछ रिकॉर्ड तो ऐसे हैं, जो महान गेंदबाज शेन वॉर्न पर भी भारी पड़ते हैं।
किस रिकॉर्ड में वॉर्न से आगे सचिन?
सचिन ने अपने करियर में कुल 463 वनडे मैच खेले और इसमें 154 विकेट अपने नाम किए। दूसरी ओर वॉर्न ने अपने वनडे करियर में 293 विकेट हासिल किए। लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा है, जहां सचिन वॉर्न पर भारी पड़ते हैं। हम यहां बात कर रहे हैं वनडे में सबसे ज्यादा फाइव विकेट हॉल (एक पारी में 5 या उसके ज्यादा विकेट) हासिल करने की। जहां वॉर्न ने अपने पूरे वनडे करियर में यह रिकॉर्ड सिर्फ एक बार हासिल किया, वहीं सचिन ने इस रिकॉर्ड को दो बार बनाया। दूसरी ओर वनडे में 4 विकेट हॉल हासिल करने के मामले में सचिन के खिलाफ वॉर्न बाजी मार जाते हैं। उन्होंने सचिन के 4 फोर विकेट हॉल के मुकाबले 12 फोर विकेट हॉल झटकने का कारनामा किया।
Sachin Tendulkar has more five-wicket haul in ODI than Shane Warne. https://t.co/oFN8aH0WAF
— Bhawana (@bhawnakohli5) May 21, 2021
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ऐसा रहा दोनों क्रिकेटरों का करियर
बता दें कि सचिन ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 664 मैच खेले। उन्होंने इतने मैचों की 782 पारियों में 48.52 की औसत से कुल 34357 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 100 शतक और 164 अर्धशतक जड़े। दूसरी ओर वॉर्न ने अपने इंटरनेशनल करियर मे कुल 145 टेस्ट और 194 वनडे खेले। उन्होंने टेस्ट में 25.41 की औसत से 708 विकेट और वनडे में 25.73 की औसत से 293 विकेट अपने नाम किए।
वॉर्न ऑस्ट्रेलिया टीम के लोअर ऑर्डर के उपयोगी बल्लेबाज थे जिन्होंने तीन हजार से ज्यादा टेस्ट रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में 12 फिफ्टी जड़ीं, हालांकि शतक के मामले में अनलकी रहे। उनका टेस्ट में हाई-स्कोर 99 रन है। वॉर्न 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य थे। उन्होंने 2006-07 में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज जीतने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
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