---विज्ञापन---

Oneirology: क्यों आते हैं सपने, क्या है सपनों की रहस्यमयी दुनिया?

Oneirology: सपने मानव जीवन के रहस्यमय पहलू हैं। सदियों से लोग सपनों (dreams) को जानने व समझने का प्रयास करते रहे हैं। लोग अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर सपनों की व्याख्या करते हैं। सपनों की यह व्याख्या वास्तविकता परे अटकलों पर आधारित होती है। सपनों (dreams) के वैज्ञानिक अध्ययन को ‘ओनेरोलॉजी’ (Oneirology) कहा […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: May 9, 2023 17:52
Share :
science news in hindi

Oneirology: सपने मानव जीवन के रहस्यमय पहलू हैं। सदियों से लोग सपनों (dreams) को जानने व समझने का प्रयास करते रहे हैं। लोग अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर सपनों की व्याख्या करते हैं। सपनों की यह व्याख्या वास्तविकता परे अटकलों पर आधारित होती है। सपनों (dreams) के वैज्ञानिक अध्ययन को ‘ओनेरोलॉजी’ (Oneirology) कहा जाता है। वैज्ञानिक शोधों ने सपनों के कारण और प्रक्रियाओं पर नई रोशनी डाली है। डॉ. आशीष कुमार की विशेष रिपोर्ट-

सपनों के बारे में समझने वाली पहली बात यह है कि वे नींद के एक विशिष्ट चरण के दौरान आते हैं, जिसे REM स्लीप यानी आरईएम (rapid eye movement) नींद के रूप में जाना जाता है। REM नींद के दौरान, मस्तिष्क अत्यधिक सक्रिय होता है, नींद के अन्य चरणों की तुलना में कई क्षेत्रों में तंत्रिका सक्रियता में वृद्धि दिखाई देती है। इस बढ़ी हुई गतिविधि को सपनों से जोड़कर देखा जाता है।

---विज्ञापन---

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

सपनों की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक उनकी अक्सर अवास्तविक और अतार्किक प्रकृति है। जागृत अवस्था में मनुष्य के विचार संरचित और तार्किक होते हैं। जबकि, सपने में होने वाली अधिकांश घटनाएं अतार्किक और बिना क्रम के होती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि REM नींद के दौरान, मस्तिष्क का प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, जो नियोजन, निर्णय लेने और तर्क जैसे कार्यकारी कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है, अपेक्षाकृत कम सक्रिय होता है। वहीं मस्तिष्क के अन्य क्षेत्र, जैसे दृश्य कॉर्टेक्स और लिम्बिक सिस्टम अधिक सक्रिय होते हैं। इसका परिणाम होता है कि विचार और संवेदनाए एक प्रकार के घालमेल के रूप में दिखायी देनी लगती हैं। इस प्रक्रिया में जरूरी नहीं है कि सपनों की दृश्य दुनिया एक तार्किक या रैखिक अनुक्रम का पालन करे।

क्या सपने भविष्य का संकेत देते हैं ?

सपनों को हमारे जाग्रत जीवन की घटनाओं और अनुभवों से प्रभावित माना जाता है। सपने मस्तिष्क के लिए उन यादों, भावनाओं और सूचनाओं को प्रोसेस करने की प्रक्रिया होते हैं, जिनका सामना हम दैनिक जीवन में करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि हम आगामी परीक्षा या साक्षात्कार के बारे में चिंतित हैं, तो हम इसके बारे में अक्सर सपने देखते हैं। हमारा दिमाग सपनों के माध्यम से होने वाली घटनाओं के लिए स्वयं को तैयार करने में जुट जाता है। यही कारण है कि लोग सपनों के मध्यम से भविष्य की झलक पाने का दावा करते हैं।

---विज्ञापन---

‘यस’ या ‘नो’ का फॉर्मेट

इसी तरह, सपने में व्यक्ति भावनात्मक मुद्दों या संघर्षों को देखते हैं। इस मामले में अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि स्वप्न के माध्यम से व्यक्ति मस्तिष्क के सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण में अपने अनुभवों को प्रोसेस करने और आवश्यक जानकारियों को संरक्षित करने का काम करता है। यह काम अवचेतन मन द्धारा कंप्यूटर की भांति ‘यस’ या ‘नो’ के फॉर्मेट में किया जाता है।

वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य

वैज्ञानिकों ने सपनों की प्रकृति और कार्यप्रणाली को समझने के लिए अनेक शोध किए हैं, इसके बावजूद अभी भी बहुत कुछ ऐसा है जो एक रहस्य बना हुआ है। उदाहरण के लिए, यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों कुछ लोग अपने सपनों को विस्तृत रूप से याद रखते है? जबकि, कुछ लोगों को सपने याद नहीं रहते हैं। क्यों कुछ लोगों को बार-बार या तीव्र दुःस्वप्न का अनुभव होता है? जबकि, कुछ लोगों को सपनों के माध्यम से प्रसन्नता प्राप्त होती है।

तमाम अनसुलझे सवालों के बावजूद सपनों के रहस्यों को सुलझाना गहन अनुसंधान का विषय है। न्यूरोइमेजिंग जैसी तकनीकों के माध्यम से, शोधकर्ताओं ने हमारे सपनों को जन्म देने वाली जटिल तंत्रिका प्रक्रियाओं के बारे में बेहतर समझ हासिल करने का प्रयास किया है। वैज्ञानिक सपनों के गूढ़ रहस्यों को जितना अधिक उजागर करने का प्रयास करेंगे, उतना ही वह मन की कार्यप्रणाली और चेतना की प्रकृति को समझने में कामयाब होंगे।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: May 09, 2023 05:51 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें