Year Ender 2025: साल 2025 खगोलीय गतिविधियो से रोचक बल्कि काफी दिलचस्प साल रहा. इस वर्ष कुल चार महत्त्वपूर्ण ग्रहण लगे. दृश्यमान और अदृश्य दोनों तरह के ग्रहणों ने विज्ञान और श्रद्धा, दोनों के बीच एक सुंदर संतुलन प्रस्तुत किया. इनमें से सिर्फ एक चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई दिया, जिस कारण उससे जुड़ी धार्मिक मान्यताओ और सूतक काल पर इसके प्रभाव की चर्चा खूब रही. आइए जानते हैं, पूरे साल के ग्रहण कैलेंडर, त्योहारो पर उनके असर और 2026 में लगने वाले ग्रहणों की जानकारी.
2025 में कितने ग्रहण लगे?
साल 2025 खगोलीय दृष्टि से काफी दिलचस्प रहा. इस साल कुल 4 महत्त्वपूर्ण ग्रहण लगे, जिसमें दो पूर्ण चंद्र ग्रहण और दो आंशिक सूर्य ग्रहण शामिल रहे. साल की शुरुआत और साल उत्तरार्ध भाग ग्रहण के खगोलीय हलचल से काफी महत्वपूर्ण रहे. इसमें 2 ग्रहण मार्च और 2 ग्रहण सितंबर के महीने में लगे.
14 मार्च, 2025 का चंद्र ग्रहण
14 मार्च, 2025 को लगा चंद्र ग्रहण एक पूर्ण ग्रहण था, पर भारत में दृश्य नहीं हुआ था. इसी अवधि में होली का त्योहार भी पडा, जिससे लोगो में थोड़ी उत्सुकता रही कि क्या इसका पर्व पर कोई असर होगा. चूंकि ग्रहण भारत में दिखाई ही नहीं दिया, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं रहा और त्योहार पूर्ववत ही मनाया गया. ज्योतिषीय दृष्टि से हालांकि इसे बदलाव का प्रतीक माना गया, पर धार्मिक रूप से इसका कोई प्रभाव दर्ज नहीं हुआ.
29 मार्च, 2025 का सूर्य ग्रहण
मार्च का दूसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण के रूप में सामने आया, जो 29 मार्च, 2025 को लगा. यह ग्रहण आंशिक था और भारत में दिखाई नहीं दिया. इसलिए न पूजा-पाठ पर रोक लगी, न किसी सामाजिक आयोजन पर प्रतिबंध.
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7 सितंबर, 2025 का पूर्ण चंद्र ग्रहण
यह वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण ग्रहण माना गया क्योंकि यह भारत में पूरी तरह दिखाई दिया. यह समय पितृपक्ष की शुरुआत के आसपास आया, जिससे सूतक काल और धार्मिक नियमो का पालन किया गया. लाखों लोग खुले आसमान के नीचे इस सुंदर खगोलीय घटना को देखने के लिए उत्साहित रहे.
21 सितंबर, 2025 का सूर्य ग्रहण
यह आंशिक सूर्य ग्रहण था. यह दक्षिणी देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में तो दिखाई दिया, लेकिन भारत में अदृश्य रहा. भारत में यह रात से सुबह तक के समय में घटित हुआ, इसलिए इसका सूतक मान्य नहीं किया गया.
किन त्योहारों पर पड़ा असर
14 मार्च को होली पर लगे चंद्र ग्रहण का भारत में कोई धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि वह यहां दिखाई ही नहीं दिया. हालांकि, लोगों में काफी उत्सुकता रही कि क्या इसका पर्व पर कोई असर होगा? सूतक मान्य नहीं होने के कारण होली का पर्व धूम-धाम से मनाया गया. इसके विपरीत, सितंबर का पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देने के कारण व्रत, पूजा और सूतक से जुड़े नियमो का पालन किया गया.
2026 में कितने ग्रहण होंगे?
वैज्ञानिक गणनाओ के अनुसार साल 2026 में चार ग्रहण लगेंगे—दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण. इनमे कुछ भारत में दिखाई देंगे और कुछ नहीं. नई साल की शुरुआत में ही इन घटनाओ का कैलेंडर चर्चाओ में रहेगा. इसस साल 17 फरवरी को साल पहला सूर्य ग्रहण लगेगा, जबकि 3 मार्च को पहला चंद्र ग्रहण होगा. वही, 12 अगस्त साल दूसरा सूर्य ग्रहण और 28 अगस्त को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










