Vidura Niti: विदुर महर्षि वेद व्यास के पुत्र थे और उनकी माता रानी अंबिका की प्रधान दासी थी। वे न केवल एक ऋषि पुत्र थे, बल्कि धृतराष्ट्र और पांडु उनके सौतेले भाई थे। इसके बावजूद राजमहल में उनका आश्रय नहीं था। लेकिन अपने ज्ञान और नीति की सर्वोच्चता से बेहद सम्मान पाते थे। यहां तक भीष्म पितामह भी उनसे सलाह लेते थे।
महाज्ञानी विदुर की पुस्तक ‘विदुर नीति’ जीवन की बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान देती है। इसमें दिए गए जीवन मंत्र मानव को न केवल सफल बनाते हैं, बल्कि जीवन की हर कठिनाई को सहजता से पार करने की शक्ति देते हैं। विदुर नीति पुस्तक की अनमोल शिक्षाओं को अपनाने वाला व्यक्ति सदैव संतुलित, समृद्ध और सुखी रहता है।
कभी फटेहाल नहीं रहता ऐसा व्यक्ति
विदुर के अनुसार, जिस व्यक्ति के पास एक ऐसा गुण होता है, जिससे वह व्यक्ति कभी आर्थिक तंगी या मानसिक परेशानी का शिकार नहीं होता। इतना ही नहीं, उसके उस खास गुण कारण उसके कोई शत्रु भी नहीं बन पाते है। इस मंत्र को अपना लेने वाला इंसान कभी फटेहाल और तंगहाल नहीं रहता है।
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मुश्किल काम भी हो जाते हैं आसान
नीति और नैतिकता के महान ज्ञाता विदुर ने अपनी पुस्तक ‘विदुर नीति’ में एक अनमोल मंत्र का उल्लेख किया है, जो जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। उनके अनुसार, यदि किसी व्यक्ति में यह विशिष्ट गुण या आदत है, तो वह कठिन से कठिन कार्य को भी सहजता से पूरा कर सकता है। इस गुण से संपन्न व्यक्ति न केवल खुशहाल रहता है, बल्कि उसकी तरक्की कभी थमती नहीं। विदुर के यह विचार आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं।
सबलोग रहते है प्रसन्न
‘विदुर नीति’ में विदुर कहते हैं कि मधुर वाणी हर दिल को जीतने का सबसे बड़ा साधन है। मीठी बोली से समाज के हर वर्ग के लोग प्रसन्न रहते हैं। विदुर का मानना है कि वाणी में अमृतरूपी मधुरता होना चाहिए। कबीर ने भी कहा है, ‘मीठी वाणी से बड़ा कोई धन नहीं’, जो जीवन को सहज और सुखद बनाती है। विदुर कहते हैं कि मधुर वाणी बोलने वाला व्यक्ति समाज में सभी का प्रिय बनता है।
सबको अपना बना लेता है ऐसा आदमी
‘विदुर नीति’ के अनुसार, मधुर वाणी और प्रेमपूर्ण व्यवहार इंसान को सबका प्रिय बना देते हैं। विदुर कहते हैं कि वाणी में मधुरता लाने में कभी कंजूसी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यही गुण संबंधों को मजबूत और जीवन को सुखमय बनाता है। मीठे बोल न केवल दिल जीतते हैं, बल्कि कठिनाइयों को भी सरल बना देते हैं।
कम मेहनत में पा लेते हैं सफलता
जो लोग स्वभाव से मधुरभाषी होते हैं, उनकी वाणी में नैसर्गिक विनम्रता का अद्भुत गुण होता है। उनकी मधुर वाणी न केवल दूसरों का दिल जीतने में सक्षम होती है, बल्कि हर कठिन कार्य को सरलता से संपन्न करने की शक्ति भी प्रदान करती है। अपनी मीठी वाणी से ऐसे लोग जटिल परिस्थितियों में भी सफलता अर्जित कर लेते हैं। ऐसे लोग अपनी वाणी से हर काम को कम मेहनत में सिद्ध और सफल कर लेते है।
ऐसे लोगों का कोई दुश्मन नहीं होता है
मधुर वाणी रखने वाले व्यक्तियों का संसार में कोई शत्रु नहीं होता। उनकी वाणी का जादू न केवल लोगों के दिलों को छूता है, बल्कि संबंधों में सामंजस्य भी स्थापित करता है। ऐसे लोग जहां भी जाते हैं, वहां उनका मान-सम्मान होता है। उनकी मीठी भाषा दूसरों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ती है, जो उन्हें स्नेह और आदर का पात्र बनाती है।
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