Vat Savitri Vrat 2024 : वैदिक पंचांग के अनुसार, वट सावित्री का व्रत प्रत्येक साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन जो लोग सच्चे मन से सावित्री और सत्यवान की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। बता दें कि वट सावित्री के दिन व्रत रखने से पति के उम्र में वृद्धि होती है। साथ ही अकाल मृत्यु का योग टल जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन कुछ ऐसे उपाय भी होते हैं जिन्हें करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
वट सावित्री व्रत पूजा मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वट सावित्री के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 78 मिनट का है। माना जा रहा है कि इस शुभ मुहूर्त में वट सावित्री व्रत की पूजा करने से मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषियों के अनुसार, वट सावित्री पूजा मुहूर्त की शुरुआत 6 जून को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम के 5 बजकर 38 मिनट तक है।
वहीं अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 36 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है। ज्योतिषियों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त बेहद ही शुभ माना गया है। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली और शांति आती है। बता दें कि वट सावित्री के दिन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं व्रत रखा जाती हैं।
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा की जाती है। उन्हें धन-धान्य के साथ सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। महिलाएं पूजा करने के लिए सुबह में स्नान ध्यान करके वट वृक्ष के पास जाकर विधि-विधान से पूजा करती हैं। साथ ही वट वृक्ष के पेड़ की एक सौ आठ बार परिक्रमा करें और मन में भगवान विष्णु से प्रार्थना करें। साथ ही वट वृक्ष का पूजा करके सावित्री-सत्यवान की कथा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पति की आयु में वृद्धि होती है।
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