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Religion

Vaikunth Chaturdashi 2025: वैकुंठ चतुर्दशी आज, जानें विष्णु-शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और मंत्र

Vaikunth Chaturdashi 2025 Shubh Muhurat & Puja Vidhi: आज 4 नवंबर 2025, वार मंगलवार को देशभर में वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है, जिस दिन भगवान विष्णु और शिव की संयुक्त रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. चलिए अब जानते हैं वैकुंठ चतुर्दशी के महत्व, पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि और मंत्र आदि के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 4, 2025 04:41
Vaikunth Chaturdashi 2025
Credit- Social Media

Vaikunth Chaturdashi 2025 Shubh Muhurat & Puja Vidhi: हर साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, जिसे बैकुंठ चतुर्दशी और वैकुंठ चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस बार वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व आज 4 नवंबर 2025, वार मंगलवार को मनाया जा रहा है.

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शिव जी की आराधना करने के लिए पहुंचे थे. जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने एक हजार कमल के फूलों से देवों के देव महादेव की पूजा की थी. शिव जी, विष्णु जी की भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने वरदान दिया कि जो भी भक्त इस दिन विधिपूर्वक हमारी पूजा करेगा, उसे मोक्ष और वैकुंठ धाम की प्राप्ति होगी. इसी वजह से वैकुंठ चतुर्दशी को विष्णु जी और शिव जी दोनों की साथ में उपासना की जाती है.

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वैकुंठ चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 4 नवंबर 2025 को सुबह 2 बजकर 5 मिनट से कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन आज देर रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगा. इसी वजह से आज ही वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है. आज सुबह 11:39 मिनट से लेकर कल सुबह 12:31 मिनट तक शिव जी और विष्णु जी की पूजा का निशिताकाल है, जिस दौरान पूजा करना शुभ रहेगा.

आज का पंचांग

4 November Shubh Muhurat

वैकुंठ चतुर्दशी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद पीले या लाल रंग के कपड़े धारण करें.
  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
  • मंदिर में एक चौकी रखें और उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • चौकी पर भगवान विष्णु और शिव जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें.
  • देवताओं का जलाभिषेक करें. साथ ही उन्हें कमल के फूल, गेंदे के पुष्प, बेल पत्र, तुलसी दल, फूल और वस्त्र अर्पित करें.
  • देसी घी का एक दीपक और धूप जलाएं.
  • शिव और विष्णु मंत्रों का जाप करें.
  • आरती करके पूजा का समापन करें.
  • दिन खत्म होने से पहले जरूरतमंदों को अन्न या वस्त्र का दान करें.

आज जपें ये मंत्र, शिव-विष्णु कृपा से होगा कल्याण

शिव मंत्र-

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  • ॐ नमः शिवाय॥
  • श्री शिवाय नमस्तुभ्यम॥
  • ॐ नमो भगवते रुद्राय:॥
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात॥

विष्णु मंत्र-

  • ॐ नमो नारायणाय॥
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
  • ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 04, 2025 04:41 AM

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