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Religion

Sheetala Ashtami 2025: बसौड़ा पूजन में मां शीतला को बासी रोटी का लगता है भोग, जानें मान्यता और फायदे

Sheetala Ashtami 2025: बसौड़ा पूजन यानी शीतला अष्टमी पर व्रत और पूजा का खास महत्व होता है। इस तिथि पर मां शीतला को बासी भोजन लगाने की परंपरा होती है। आइए शीतला अष्टमी पर बासी भोजन लगाने का महत्व और फायदा जानते हैं।

Author Edited By : Simran Singh Updated: Mar 20, 2025 09:31
Sheetala Ashtami 2025
शीतला अष्टमी

Sheetala Ashtami 2025: हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी का खास महत्व होता है। इसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूरे विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के सारे अधूरे कार्य पूरे होते हैं। शीतला अष्टमी व्रत रखने का खास महत्व होता है। हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बसौड़ा होता है। घर में सुख-शांति, रंगों से मुक्ति, संतान संबंधित कष्ट से मुक्ति आदि के लिए अष्टमी तिथि पर शीतला मां की पूजा की जाता है। इस दिन एक दिन पुराना खाना यानी बासी खाने का भोग मां शीतला को पूजा के दौरान लगाया जाता है। आइए बासी रोटी का भोग लगने का महत्व और फायदा जानते हैं।

कब है शीतला अष्टमी?

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी यानी बसौड़ा होता है। इस साल 22 मार्च को शीतला अष्टमी है। इसकी शुरुआत 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर होगी। जबकि, तिथि की समाप्ति 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगी। उदय तिथि के अनुसार 22 मार्च को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी।

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शीतला अष्टमी पर बासी भोग लगाने की क्या है मान्यता?

होली के बाद शीतला सप्तमी और अष्टमी का पर्व होता है। इसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां शीतला की पूजा-अर्चना की जाती है और बासी भोजन से भोग लगाया जाता है। इसके पीछे की मान्यता है कि शीतला माता को ठंडा और बासी भोजन बहुत पसंद है। मां शीतला, ठंडक और शीतलता का प्रतीक मानी जाती हैं। ये भी एक कारण है कि शीतला अष्टमी के दिन गर्म या ताजे भोजन का भोग नहीं बल्कि ठंडा और बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर विभिन्न तरह के बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।

शीतला अष्टमी पर बासी भोग लगाने का फायदा

शीतला माता को अत्यंत प्रिय बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि खसरा, चेचक जैसे रोगों को मां शीतला नियंत्रित करती हैं। साथ ही व्यक्ति को इन रंगों के प्रकोप से भी बचाती हैं। रोग-निवारण और स्वच्छता के संदेश के तौर पर शीतला अष्टमी का पर्व माना जाता है।

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वैज्ञानिक महत्व के अनुसार बासी भोजन ठंडा होता है और ये शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है। बासी भोग लगाने की परंपरा शरीर में शीतलता और संतुलन बनाने में मददगार हो सकता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Mar 18, 2025 03:08 PM

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