सनातन धर्म को मानने वाले अधिकतर लोग अपने घरों में भगवान को मूर्ति रूप में स्थापित करते हैं। वहीं, कभी-कभी उनकी फोटो रखते हैं और पूजन करते हैं। वास्तु शास्त्र के मानें तो कुछ देवी-देवताओं की मूर्तियों या फोटो को घर के मंदिर में रखना शुभ नहीं माना गया है।
वास्तु शास्त्र के साथ ही गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण, नारद संहिता आदि में भी इस बात जिक्र है। अग्नि पुराण के अध्याय 43 के अनुसार खंडित मूर्तियां भी घर में नहीं रखनी चाहिए। खंडित या टूटी हुईं मूर्तियां दुर्भाग्य का कारण बनती हैं। अगर कोई मूर्ति टूट जाए या फोटो फट जाए तो उसे पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। इसके साथ ही कुछ और भगवान की मूर्तियों को भी रखना अच्छा नहीं माना जाता है।
महाकाली के उग्र स्वरूप की प्रतिमा
माता काली के उग्र स्वरूप की प्रतिमा कभी भी घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। ये उग्र शक्तियों की ऊर्जा बहुत उच्च होती है। अधिकतर तंत्र साधना में मां के इस स्वरूप को पूजा जाता है। घर में देवी माता का हमेशा सौम्य स्वरूप ही रखना चाहिए।
काल भैरव की मूर्ति
भगवान शिव का रौद्र स्वरूप काल भैरव को मान गया है। वे तंत्र-मंत्र के देवता माने जाते हैं। उनकी ऊर्जा हाई होती है। इनके पूजन के लिए विधिवत मंत्र, नियम और अनुष्ठान की आवश्यकता होती है, अगर इन चीजों को ठीक से न किया जाए तो आपको लाइफ में नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही भगवान शिव के नटराज स्वरूप को भी तांडव करते माना गया है और उनकी मूर्ति भी घर में रखना अच्छा नहीं माना जाता है।
शनिदेव की मूर्ति
शनिदेव की मूर्ति को कभी भी घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा इस कारण है क्योंकि उनकी दृष्टि क्रूर है। घर के मंदिर में रखने से उनकी दृष्टि हर व्यक्ति पर पड़ती है, जिससे घर के सदस्यों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दक्षिणमुखी मूर्तियां
दक्षिणमुखी हनुमान और गणेश जी की प्रतिमा घर में नहीं रखनी चाहिए। घर में दोनों भगवानों की सामान्य प्रतिमा रखनी चाहिए। दक्षिण दिशा यमराज की मानी जाती है। इन मूर्तियों की मंदिर में पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। स्कंद पुराण के काशी खंड के अनुसार भगवान हनुमान की क्रोधित मुद्रा की मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए।
अलग-अलग राधा-कृष्ण की मूर्ति
घर के मंदिर में कभी भी राधा-कृष्ण की मूर्ति अलग-अलग नहीं रखनी चाहिए। इससे पारिवारिक जीवन में मतभेद और कलह होने लगती है। ऐसा नारद संहिता और गृहसूत्रों में वर्णित है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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