Nirai Mata Mandir, Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में माता दुर्गा को समर्पित कई ऐसे रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनकी गहरी आस्था लोगों से जुड़ी हुई है। हालांकि हर मंदिर का अपना रहस्य और मान्यता है। आज हम आपको माता दुर्गा को समर्पित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर महिलाओं के प्रवेश करने की मनाही है। जहां केवल पुरुष ही अंदर जाकर पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा ये मंदिर साल में केवल एक बार 5 घंटे के लिए चैत्र नवरात्रि के दौरान सुबह 4 बजे से लेकर 9 बजे तक खुलता है। चलिए जानते हैं इसी मंदिर से जुड़े रहस्यों के बारे में।
नवरात्रि के प्रथम रविवार को खुलते हैं कपाट
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में मगरलोड ब्लॉक मुख्यालय है, जिससे लगभद 35 किमी दूर सोंढूर पैरी नदी के तट के समीप मोहेरा के आश्रित निरई की पहाड़ियां हैं। निरई की पहाड़ियां के ऊपर मां निरई का मंदिर स्थित है। ये मंदिर चैत्र नवरात्रि के प्रथम रविवार को मात्र एक दिन के लिए 5 घंटे के लिए खुलता है, जिस समय हर साल बड़ी संख्या में भक्तजन दर्शन करते हैं। साल 2024 में इस मंदिर के कपाट 14 अप्रैल को खुले थे।
ये भी पढ़ें- Navratri 2024: देश का ऐसा मंदिर, जहां मुस्लिम परिवार पुजारी, पीढ़ियों से चल रही परंपरा
सुहाग के सामान को चढ़ाने की है मनाही
कहा जाता है कि मां निरई के दरबार में पूजा-पाठ करने से प्रत्येक भक्त ही हर इच्छा पूरी होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ के अलावा माता को नारियल और अगरबत्ती अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। हालांकि मंदिर में माता को सिंदूर, कुमकुम, गुलाल, सुहाग और श्रृंगार का सामान चढ़ाने की मनाही है।
देवी के चमत्कार से जलती है ज्योति
कहा जाता है कि निरई माता मंदिर में बिना तेल के 9 दिनों तक माता की ज्योति जलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान माता निरई खुद मंदिर में ज्योति जलती हैं, जो 9 दिनों तक जलती है। हालांकि इस पहेली के पीछे की कोई ठोस वजह अभी तक सामने नहीं आई है। ग्रामीणों का मानना है कि ये माता का ही चमत्कार है कि मंदिर में बिना तेल के खुद-ब-खुद ज्योति प्रज्वलित हो जाती है।
ये भी पढ़ें- Love Rashifal: सितंबर माह का आखिरी दिन 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा?
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।