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Margashirsha Amavasya 2025: 19 या 20 नवंबर, मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विष्णु मंत्र

Margashirsha Amavasya 2025 Date Shubh muhurat & Puja Vidhi: पितरों और जगत के पालनहार भगवान विष्णु को खुश करने के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पूजा-पाठ किया जाता है. साथ ही गरीबों को दान करना शुभ होता है. आइए जानते हैं वर्ष 2025 में 19 नवंबर या 20 नवंबर, किस दिन महापुण्य मार्गशीर्ष अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 6, 2025 09:23
Margashirsha Amavasya 2025
Credit- News 24 Gfx

Margashirsha Amavasya 2025 Date Shubh muhurat & Puja Vidhi: हिंदुओं के लिए साल में आने वाली कुल 12 अमावस्या का खास महत्व है, जिस दिन पूजा-पाठ करना शुभ होता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है, जो हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना है. मार्गशीर्ष माह में मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाएगी, जिस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है. साथ ही पितरों को खुश करने के लिए तर्पण, किसी पवित्र नदी में स्नान और गरीबों को दान करना शुभ होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या पर पूजा-पाठ करने से पितृ खुश होते हैं और परिवारवालों को तरक्की का आशीर्वाद देते हैं. वहीं, विष्णु जी की कृपा से घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि, खुशहाली, धन और वैभव का वास होता है.

हालांकि, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. चलिए जानते हैं साल 2025 में 19 नवंबर या 20 नवंबर, किस दिन मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा की जाएगी. साथ ही आपको पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में जानने को मिलेगा.

2025 में मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? (Margashirsha Amavasya 2025 Date)

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 19 नवंबर 2025 की सुबह 9 बजकर 43 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 20 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर साल 2025 में 20 नवंबर, वार गुरुवार को मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा की जाएगी.

मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 06:48
  • पितरों की पूजा का समय- सुबह 11:30 से दोपहर 12:30
  • विष्णु पूजा का मुहूर्त- सुबह 05:01 से सुबह 05:54
  • राहुकाल- दोपहर 01:26 से दोपहर 02:46

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मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें.
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें.
  • घर के मंदिर में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
  • देसी घी का दीपक जलाएं.
  • विष्णु जी को जल, फल, फूल, अक्षत, चंदन, वस्त्र और मिठाई अर्पित करें.
  • विष्णु मंत्रों का जाप करें. साथ ही विष्णु चालीसा पढ़ें और उनकी आरती करें.
  • किसी पंडित से पितरों का तर्पण या उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाएं.
  • पशु-पक्षियों को खाना खिलाएं और गरीबों को दान करें.

विष्णु जी की पूजा में जपें ये मंत्र

  • ॐ नमो नारायणाय॥
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
  • ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 06, 2025 09:23 AM

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