---विज्ञापन---

Religion

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर लगे भद्रा से बचने के लिए करें ये 3 उपाय, रिश्ते पर नहीं होगा बुरा असर!

Karwa Chauth 2024: सुहागिन महिलाओं के एक सबसे बड़े त्योहार करवा चौथ पर इस बार भद्रा का साया भी मंडरा रहा है। हिन्दू धर्म में भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए जानते हैं, करवा चौथ पर भद्रा की अवधि कब से कब तक और किन उपायों से इससे बच सकते हैं?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Oct 20, 2024 07:48
Bhadra-ke-Upay

Karwa Chauth 2024: हिन्दू धर्म में करवा चौथ को सुहागिन महिलाओं का एक बड़ा त्योहार माना जाता है। इस दिन देवी करवा की पूजा करने के साथ-साथ व्रत भी रखा जाता है। यह व्रत बेहद कठिन होता है, क्योंकि इसके उपवास में एक बूंद पानी तक नहीं पिया जाता है। माना गया है कि करवा चौथ बहुत ही पवित्रता और निष्ठा का व्रत है। लेकिन महिलाओं के इस महाव्रत पर इस बार भद्रा का अशुभ साया मंडरा रहा है।

सनातन पंचांग के अनुसार, हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है, जो इस बार 20 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार, करवा चौथ तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू होकर 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। आइए जानते हैं, करवा चौथ तिथि पर भद्रा की अवधि कब से कब तक और किन उपायों से इससे बच सकते हैं?

---विज्ञापन---

करवा चौथ पर कब से कब तक है भद्रा?

हिन्दू धर्म की मान्यता है कि जिस वक्त भद्रा लगता है, उस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसका कारण यह बताया गया है कि भद्रा काल में किए गए शुभ कार्यों में असफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। करवा चौथ के दिन भद्रा सुबह में सूर्योदय के समय लग रही है। यह 20 अक्टूबर 2024 को सुबह में 06 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 46 तक भद्रा काल रहेगा।

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण!

---विज्ञापन---

भद्रा के साये मुक्त है सरगी

Karwa Chauth 2024

करवा चौथ की शुरुआत सूर्योदय से पहले सरगी खाने की परंपरा से होती है, जो सूर्योदय से 2 घंटे पहले खाई जाती है। इस साल करवा चौथ पर सूर्योदय 6 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में सरगी ब्रह्ममुहूर्त में यानी 4 से 5 बजे के दौरान खाई जा सकती है। बता दें कि सरगी खाने की यह परंपरा भद्रा के अशुभ असर से मुक्त है।

भद्रा का करवा चौथ पर अशुभ असर

सरगी के रिवाज पर भले ही भद्रा बेअसर है, लेकिन करवा का व्रत इससे मुक्त नहीं नहीं है। यदि भद्रा की अवधि लंबी होती तो करवा चौथ के व्रत का पूरा फल नहीं मिल पाता। वहीं भद्रा के प्रभाव से व्रत रखने वाली महिलाओं को भूख-प्यास लग सकती है। पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है या महिलाएं बेवजह मानसिक रूप से परेशान रह सकती हैं।

करवा चौथ पर भद्रा से बचने के उपाय

1- करवा चौथ की सुबह 06:24 से 06:46 तक भद्रा काल है, जबकि करवा चौथ व्रत की शुरुआत भद्रा काल शुरू होने से पूर्व ही हो जाएगी। ऐसे में व्रती महिलाओं को सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर और व्रत का संकल्प ले लेना चाहिए। स्नान के बाद भीगे कपड़े को सूर्योदय से पहले ही धोकर सूखने के लिए डाल देने से भद्रा का असर नहीं होगा।

2- इस बार की भद्रा काल मात्र 21 मिनट की है। इस दौरान आप लाल रंग के वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में गंगाजल लेकर पूरे घर में छिड़कें और गायत्री मंत्र का जाप करें। पुरुष हनुमान चालीसा का पाठ करें।

3- हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार भद्रा के अशुभ असर से बचने के लिए उसके 12 नामों का जाप कर लेना चाहिए। इससे भद्रा प्रसन्न हो जाती है। भद्रा के ये 12 नाम हैं: धन्या, दधिमुखी, भद्रा, महामारी, खरानना, कालरात्रि, महारूद्रा, विष्टिकरण, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली और असुरक्षयकरि।

ये भी पढ़ें: Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर बदलेगी इन 5 राशियों की किस्मत, 5 दुर्लभ राजयोग से बरसेगा पैसा!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Oct 19, 2024 05:03 PM

संबंधित खबरें