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Amavasya 2024: ज्येष्ठ माह कब, बनेंगे कितने दुर्लभ योग, जानें शुभ तिथि और महत्व

Jyeshtha Amavasya 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन दो दुर्लभ योग बनने वाला है। मान्यता है कि इन दुर्लभ योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि कब है, कौन-कौन से योग बन रहे हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: May 26, 2024 11:32
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Jyeshtha Amavasya 2024
Jyeshtha Amavasya 2024

Jyeshtha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि बेहद ही शुभ और महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन दान-स्नान, पूजा-पाठ, ध्यान, गायन और जप-तप के साथ दान जैसे पुण्य कार्य किए जाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में लोग स्नान करते हैं। साथ ही सूर्य देव, महादेव और भगवान विष्णु जी की पूजा भी करते हैं।

अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है। मान्यता है जो लोग अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करते हैं उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि अमावस्या के दिन कौन-कौन सा योग बन रहे हैं साथ ही पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।

ज्येष्ठ अमावस्या कब

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 6 जून को है। पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर होगी और समाप्ति अगले दिन यानी 6 जून को शाम 6 बजकर 07 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या का स्नान दान 6 जून को किया जाएगा।

ज्येष्ठ अमावस्या पर दुर्लभ संयोग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों के आशीर्वाद पाने के लिए विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाता है। इस दिन दिन तर्पण करने से वंश में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन दो दुर्लभ संयोग बन रहा है। पहला दुर्लभ संयोग शिव वास और दूसरा धृत योग। बन रहा है। मान्यता है कि शिव वास योग में पितरों की पूजा करने विशेष महत्व है। विधि-विधान से पितरों की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

शिव वास योग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर दुर्लभ शिव वास योग बनेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है। पंचांग के अनुसार, शिव योग शाम को 06 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे।

धृति योग

ज्योतिषियों के अनुसार, अमावस्या पर धृति योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण रात्रि के 10 बजकर 09 मिनट पर होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धृति योग में दान-स्नान करना बेहद शुभ होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र के मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 26, 2024 11:32 AM

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