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Darsh Amavasya 2025: दर्श अमावस्या की रात करें ये 3 उपाय, चंद्र देव और पितरों की प्राप्त होगी विशेष कृपा

देशभर में 26 मई 2025 को दर्श अमावस्या मनाई जाएगी, जिस दिन चंद्र देव और पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है। चलिए जानते हैं दर्श अमावस्या की रात करने वाले तीन ऐसे उपायों के बारे में, जिन्हें करने से साधक को पितरों के साथ-साथ चंद्र देव की भी विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 22, 2025 15:35
Darsh Amavasya 2025
दर्श अमावस्या पर करना न भूलें ये उपाय...

हर महीने अमावस्या आती है, जिस दिन देवी-देवताओं की पूजा करना शुभ रहता है। मई माह में दर्श अमावस्या मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दर्श अमावस्या मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन अपने परिवारवालों को आशीर्वाद देने के लिए पूर्वज खुद धरती पर आते हैं। इसलिए इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है। साथ ही भगवान शिव और चंद्र देव की आराधना की जाती है। इस साल 26 मई 2025, वार सोमवार को दर्श अमावस्या मनाई जाएगी।

मान्यता है कि जो लोग दर्श अमावस्या की रात कुछ विशेष उपाय करते हैं, उन्हें चंद्र देव और पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है। चलिए जानते हैं दर्श अमावस्या की रात करने वाले 3 अचूक उपायों के बारे में।

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दर्श अमावस्या के उपाय

  • दर्श अमावस्या की रात चंद्र देव की पूजा करने के बाद पीपल के पेड़ की आराधना करें। पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान अपनी मनोकामना को बोलें। इस उपाय से आपकी वो मनोकामना जल्द पूरी हो सकती है।
  • यदि आप पैसों की कमी का सामना कर रहे हो तो अमावस्या की रात धन की देवी मां लक्ष्मी और विष्णु जी की विधि-पूर्वक पूजा करें। उनके सामने घी का दीपक जलाएं और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें। इस उपाय से आपको देवी-देवताओं का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही पैसों की कमी भी दूर हो जाएगी।
  • यदि आपकी कुंडली में पितृ या चंद्र दोष है तो दर्श अमावस्या की रात किसी बहती नदी के पास चंद्र देव की पूजा करें और एक घी का दीपक जलाएं। पूजा करने के बाद दीपक को नदी में प्रवाहित कर दें। इससे आपके पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी। साथ ही कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति मजबूत होगी।

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दर्श अमावस्या की पूजा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- प्रात: काल 5 बजकर 46 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04 बजकर 09 मिनट से लेकर 04 बजकर 57 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक
  • राहुकाल- प्रात: काल 07 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक
  • अमृत काल- शाम 07 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 49 मिनट तक

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 22, 2025 03:35 PM

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