Bhai Dooj 2025 History and Significance: आज कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है. भाई दूज के अवसर पर बहन भैया को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करती है. भाई दूज का पर्व दिवाली के बाद मनाया जाता है. भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली पर्व का समापन होता है. यह पर्व सदियों से मनाया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, भाई दूज पर भाई को तिलक करने का क्या रहस्य है. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
भाई दूज पर भैया को लिकर करने का रहस्य
पौराणिक कथाओं में भाई दूज के रहस्य के बारे में जिक्र मिलता है. एक बार यमराज की बहन यमुना बड़े दिनों बाद भाई से मिली थी. यमुना जी ने यमराज को आसन पर बैठाकर उनका तिलक किया और आरती उतारी. इसके बाद हाथों से भोजन कराया और खूब आदर-सत्कार किया. यमराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहा.
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यमुना जी ने वरदान मांगा कि, जो भी बहन आज के दिन भाई को तिलक कर उसे भोजन कराएगी उसे आप प्रताड़ित नहीं करेंगे. यमराज ने बहन यमुना को यह वरदान दे दिया. तभी से बहन भाई दूज के दिन भैया को तिलक कर भोजन कराती हैं. इससे अकाल मृत्यु का संकट दूर होता है. भाई दूज पर भैया का तिलक करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है.
भाई दूज पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj Subha Muhurat)
आज भाई दूज पर तिलक के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 तक रहेगा. श्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 01:13 से 03:28 तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 01:58 से 02:43 तक, गोधूली मुहूर्त शाम 05:43 से 06:09 तक रहेगा. बता दें कि, इन सभी में से भाई को टीका लगाने का सर्वोत्तम समय श्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से दोपहर को 03 बजकर 28 मिनट तक है.
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